150 करोड़ के कार्यों में भारी अनियमितता का आरोप, पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लोकायुक्त जांच की मांग की

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लांजी/बालाघाट : 26 नवंबर/ बालाघाट जिले में सांसद, विधायक निधि और खनिज परिसंपदा निधि से जुड़े करीब 150 करोड़ रुपये के कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। पूर्व विधायक एवं संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते ने लोकायुक्त पुलिस भोपाल को पत्र लिखकर जिला परियोजना अधिकारी प्रदीप कौरव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट और सप्लायर देवेश पटले पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

समरीते ने शिकायत में कहा है कि परसवाड़ा, बिरसा और बैहर जनपद क्षेत्रों में तत्कालीन सांसद ढालसिंह बिसेन, वर्तमान सांसद भारती पारधी और विधायक मधु भगत की निधि से स्वीकृत कार्यों को नियम विरुद्ध तरीके से एक ही सप्लायर के माध्यम से कराकर करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किया गया।

एक ही सप्लायर के माध्यम से 150 करोड़ के कार्य, पूर्णता प्रमाण पत्र भी संदिग्ध

शिकायत के अनुसार, देवेश पटले निवासी बिरसा के माध्यम से सांसद एवं विधायक निधि के लगभग 150 करोड़ के कार्य तथा खनिज निधि के लगभग 50 करोड़ के कार्य स्वीकृत कराए गए। समरीते का दावा है कि—

ज्यादातर कार्य जमीनी स्तर पर अधूरे हैं

इसके बावजूद कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र (Completion Certificates) जारी कर दिए गए

ग्राम पंचायत सोनेवानी और मोहनपुर के कार्य उदाहरणस्वरूप उल्लेखित हैं

मध्य प्रदेश शासन के नियमों के अनुसार 2 लाख से अधिक राशि के कार्य टेंडर प्रक्रिया से ही करवाए जाने चाहिए, लेकिन आरोप है कि इन प्रावधानों को नजरअंदाज कर शासन निधियों का दुरुपयोग किया गया।

फर्जी बिल और बंद मोबाइल नंबरों का उपयोग: समरीते के आरोप

शिकायत में कहा गया है कि—

ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाकर बिना औपचारिक अनुबंध के मटेरियल सप्लाई देवेश पटले को दी गई

सभी बिल फर्जी बताए गए हैं

सप्लाई से जुड़े दस्तावेजों में जिन मोबाइल नंबरों का उल्लेख है, वे फर्जी और हमेशा बंद पाए गए

CVC गाइडलाइन 2007 का पालन नहीं किया गया

समरीते का आरोप है कि देवेश पटले ने विभिन्न निधियों से निकली राशि का 40% कमीशन अधिकारियों और अन्य संबंधित लोगों को देकर बिना काम किए ही करोड़ों रुपये आहरित कर लिए।

एक ही GST नंबर से सभी बिल, 5 करोड़ की GST चोरी का दावा

पूर्व विधायक ने पत्र में कहा कि—

विधायक निधि, सांसद निधि, खनिज निधि और मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद के कार्यों के भुगतान में लगे सभी बिलों में एक ही GST नंबर का उपयोग किया गया

इससे लगभग 5 करोड़ रुपये की GST चोरी का संदेह प्रबल होता है

मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद के करीब 50 करोड़ के कार्य भी उसी सप्लायर से करवाए गए

समरीते ने इन सभी बिंदुओं को “गंभीर जांच का विषय” बताते हुए संबंधित अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद घोषित की है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना और विद्युत मंडल के कार्यों में भी अनियमितता का आरोप

शिकायत में आगे लिखा है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और विद्युत मंडल के कई कार्यों में—

मुरम और मिट्टी के कार्यों में भारी फर्जी बिल लगाए गए

कई स्थानों पर राशि आहरित कर ली गई, लेकिन कार्य नहीं हुए

टेंडर प्रक्रिया में CVC गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया

समरीते ने इन सभी कार्यों की सूचियां, बिलों की प्रतियां और गाइडलाइन की छायाप्रतियां लोकायुक्त को सौंपने की जानकारी भी दी है।

लोकायुक्त से उच्च स्तरीय जांच की मांग

पूर्व विधायक ने लोकायुक्त पुलिस से आग्रह किया है कि—

सप्लायर देवेश पटले

जिला परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत बालाघाट

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बालाघाट

की संपत्ति और स्थावर-अस्थावर परिसंपत्तियों की जांच की जाए।

साथ ही, सभी संदेहास्पद कार्यों की—

मूल्यांकन पुस्तिकाएं (Measurement Books)

कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र

लोकायुक्त पुलिस द्वारा जांचे जाएं।

उन्होंने इस पत्र की प्रति मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (योजना-आर्थिक-सांख्यिकी), आयुक्त GST, CBI जबलपुर सहित कई उच्च अधिकारियों को भी भेजी है।