गेम्सक्राफ्ट फाउंडेशन ने ओलंपिक और जमीनी स्तर के खेलों में निरंतर भागीदारी के माध्यम से भारतीय खेलों के प्रति अपना समर्थन बढ़ाया

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नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। स्किल-आधारित ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट की सामाजिक शाखा, गेम्सक्राफ्ट फाउंडेशन ने भारत की खेल प्रतिभा को निखारने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया है। यह चार प्रमुख खेल संस्थाओं – इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट (आईआईएस), अंजू बॉबी स्पोर्ट्स फाउंडेशन (एबीएसएफ), गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन और डोला और राहुल बनर्जी स्पोर्ट्स फाउंडेशन (डीआरबीएसएफ) – के साथ अपनी साझेदारी के नवीकरण से स्पष्ट होता है।

यह पहल भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को जमीनी स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सशक्त बनाने के गेम्सक्राफ्ट के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।

गेम्सक्राफ्ट के वाइस प्रेसिडेंट – कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस और सीएसआर , ऋषि वढेरा ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में हमारे सहयोगियों के साथ किए गए कार्यों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उभरते खिलाड़ियों के सफर में निरंतर समर्थन से वास्तविक बदलाव संभव है। हमारा फोकस प्रतिभा को संवारने, स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और समुदायों को भविष्य के चैंपियंस बनाने के उनके प्रयासों में सहयोग देने पर है। ये साझेदारियां भारत के खेल क्षेत्र में हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं और हम अपने साझेदारों के समर्पण के लिए आभारी हैं।”

गेम्सक्राफ्ट फाउंडेशन के प्रयासों की मुख्य विशेषताएं:

• आईआईएस में, ‘एथलेटिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ को सहयोग, जहां भारत की शीर्ष ट्रैक एंड फील्ड प्रतिभाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाता है।

• एबीएसएफ के साथ, बेंगलुरु में स्टेट आफ द आर्ट प्रशिक्षण अकादमी का निर्माण, विशेष रूप से महिलाओं को खेल के माध्यम से सशक्त बनाने पर जोर।

• गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन के साथ, ‘पैरा चैंपियंस प्रोग्राम’ के एसोसिएट पार्टनर के रूप में, पैरा-एथलीट्स को स्कॉलरशिप व पेशेवर समर्थन के जरिए भविष्य के पैरालंपियन के रूप में निखारना।

• डीआरबीएसएफ के साथ, युवा व उभरती तीरंदाजी प्रतिभाओं को उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण, कोचिंग और प्रतियोगिता के अवसर उपलब्ध कराना।

अंजू बॉबी जॉर्ज, एबीएसएफ की संस्थापक व विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी ने कहा, “गेम्सक्राफ्ट फाउंडेशन के साथ हमारा जुड़ाव दीर्घकालिक प्रभाव की साझा सोच पर आधारित है। जिस तरह से हमें समर्थन मिला है, उसने न केवल हमारे प्रशिक्षण ढांचे को मजबूत किया है, बल्कि छोटे शहरों की लड़कियों को बड़ा सपना देखने की प्रेरणा भी दी है।”

मनीषा मल्होत्रा, अध्यक्ष,आईआईएस ने कहा: “भारतीय खेलों में सिर्फ प्रतिभा से बात नहीं बनेगी। जब कॉर्पोरेट भारत इसमें सहभागी बनता है, तभी असली परिवर्तन होता है। गेम्सक्राफ्ट फाउंडेशन के साथ हमनें एक ऐसा सिस्टम खड़ा किया है जो हमारे एथलीट्स को सफलता की सबसे अच्छी संभावनाएं देता है। मैं आश्वस्त हूं कि ट्रैक एंड फील्ड में हमें और भी पदक देखने को मिलेंगे।”

ये सहयोग वैश्विक मंच पर भी प्रभावशाली परिणाम दिखा रहे हैं। इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट (आईआईएस) से जुड़े नीरज चोपड़ा ने 2024 पेरिस ओलंपिक में पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। वहीं, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित पैरा-एथलीट्स ने 2024 पैरालंपिक्स में कुल चार पदक अपने नाम किए— जिनमें स्वर्ण पदक सुमित अंतिल और धरमबीर ने, रजत पदक सुहास यथिराज ने और कांस्य पदक राकेश कुमार ने जीता। अंजू बॉबी स्पोर्ट्स फाउंडेशन (एबीएसएफ) की एथलीट शैली सिंह ने 2025 एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिला लंबी कूद में कांस्य पदक हासिल किया, जबकि डोला और राहुल बनर्जी स्पोर्ट्स फाउंडेशन (डीआरबीएसएफ) से जुड़ीं दीपिका कुमारी ने 2025 आर्चरी वर्ल्ड कप में कांस्य पदक अपने नाम किया।

गेम्सक्राफ्ट फाउंडेशन भारत में खेल विकास ढांचे को सशक्त बनाने, असली अवसर प्रदान करने, प्रतिभा को पोषित करने और खिलाड़ियों की महत्वाकांक्षाओं को उड़ान देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।