गाजियाबाद, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशों में अपराध की जांच करने की बारीकियां सिखाने के लिए एक खास कोर्स शुरू किया है। गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी में 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक चले इस सात दिन के प्रशिक्षण में 14 देशों के 23 पुलिस अफसरों ने हिस्सा लिया।
नेपाल, मलेशिया, मिस्र, जिम्बाब्वे, फिजी, भूटान, मालदीव, थाईलैंड, मंगोलिया, तंजानिया, केन्या, लाइबेरिया, घाना और वियतनाम से आए इन अफसरों को सीबीआई के विशेषज्ञों ने बताया कि सीमा पार के अपराधों जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर क्राइम, ड्रग तस्करी और आतंकवाद की जांच में क्या-क्या चुनौतियां आती हैं और उन्हें कैसे पार करना है।
कोर्स का उद्घाटन 26 नवंबर को सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक एन. वेणुगोपाल ने किया था। उन्होंने सभी विदेशी अफसरों से मुलाकात की और कहा, “आज अपराध की कोई सीमा नहीं रही। एक देश में बैठा अपराधी दूसरे देश में पैसा छिपा देता है। ऐसे मामलों में एक-दूसरे के साथ तालमेल और सही तकनीक ही काम आती है।”
विदेश मंत्रालय की आईटीईसी (इंडियन टेक्निकल एंड इकॉनॉमिक कोऑपरेशन) योजना के तहत हर साल सीबीआई अकादमी ऐसे कोर्स आयोजित करती है। इसका मकसद सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि असल केस स्टडीज, प्रैक्टिकल एक्सरसाइज और इंटरपोल-लेटर रोगेटरी जैसे कानूनी टूल्स की ट्रेनिंग देना है, ताकि विदेशी पुलिस अफसर अपने देश लौटकर भारत के साथ मिलकर अपराधियों पर नकेल कस सकें।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “पिछले कुछ वर्षों में भारत से कई बड़े भगोड़े विदेश भागे हैं। ऐसे मामलों में विदेशी पुलिस की मदद बहुत जरूरी होती है। ये कोर्स उसी सहयोग को मजबूत करने का जरिया है।”
सात दिन तक चले इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों ने न सिर्फ क्लासरूम सेशन किए, बल्कि सीबीआई की लैब भी देखी और असली केस फाइलों पर डिस्कशन किया। कोर्स खत्म होने पर सभी अफसरों को सर्टिफिकेट दिए गए।
विदेश मंत्रालय की इस पहल से भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ रही है और दुनियाभर की पुलिस एजेंसियों के साथ उसका भरोसा गहरा हो रहा है।

