गुट निरपेक्ष आंदोलन के 19वें सम्मेलन में शामिल हुए कीर्ति वर्धन सिंह, युगांडा के राष्ट्रपति से की मुलाकात

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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने युगांडा गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम योवेरी कागुटा मुसेवेनी से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कीं।

बता दें कि कीर्ति वर्धन सिंह कंपाला में आयोजित गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें मध्यावधि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए युगांडा पहुंचे हुए हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन 15 और 16 अक्टूबर को किया जा रहा है, जिसमें कीर्ति वर्धन सिंह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

युगांडा के राष्ट्रपति से मुलाकात की तस्वीरें साझा कर उन्होंने लिखा, “युगांडा गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम योवेरी कागुटा मुसेवेनी से मुलाकात करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से व्यक्तिगत शुभकामनाएं देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भारत और युगांडा के बीच पारंपरिक और बहुआयामी साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उनके व्यावहारिक मार्गदर्शन की सराहना करता हूं।” इससे पहले उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भागीदारी आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। बता दें कि युगांडा 2024-26 के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है। इस साल, मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक ‘वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना’ विषय पर आधारित है।

गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना औपनिवेशिक व्यवस्था के पतन और अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी।

आंदोलन के शुरुआती दिनों में, उपनिवेशवाद-विमुक्ति की प्रक्रिया में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का काम अहम था। इसकी वजह से आगे चलकर कई देशों और लोगों को स्वतंत्रता और स्वाधीनता प्राप्त हुई और दर्जनों नए संप्रभु राज्यों की स्थापना हुई।

अपने पूरे इतिहास में, गुटनिरपेक्ष देशों के आंदोलन ने विश्व शांति और सुरक्षा के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को हमेशा से ही ज्यादा महत्व देता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि समूह के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत इस आंदोलन के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।

भारत ने सालों से अपने सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए एनएएम के साथ अपनी सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी बनाए रखी है। एनएएम शिखर सम्मेलनों सहित इसकी बैठकों में भारत की नियमित उच्च स्तरीय भागीदारी देखने को मिलती है।