चंडीगढ़, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणा में अलग-अलग जिलों में हुई घटनाओं में दो खिलाड़ियों की मौत के मामले में खेल विभाग ने खुद को क्लीन चीट दे दी है।
रोहतक के लाखनमाजरा में बास्केटबॉल पोल गिरने से खिलाड़ी हार्दिक (17) की जान चली गई थी। वहीं झज्जर के बहादुरगढ़ में शहीद ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम में जर्जर बास्केटबॉल पोल गिरने से घायल 15 वर्षीय खिलाड़ी अमन की मौत हो गई थी।
दोनों खिलाड़ियों की मौत से खेल विभाग ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।
रोहतक और झज्जर के जिला खेल अधिकारियों ने बास्केटबॉल के पोल टूटने से दो खिलाड़ियों की मौत के मामले में रिपोर्ट डिप्टी डायरेक्टर को सौंपी।
रोहतक के जिला खेल अधिकारी ने लिखा, “बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक सुपुत्र सन्दीप, निवासी गांव लाखनमाजरा, जिला रोहतक का अभ्यास के दौरान खिलाड़ी के ऊपर बास्केटचाल पोल के गिरने से आकस्मिक निधन के सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट विभाग की सेवा में भेजी गई है। खिलाड़ी जिस वास्केटबाल कोर्ट में अभ्यास कर रहा था वह जगह जमीन ब्लॉक समिति, लाखनमाजरा के अधीन है। यह जगह / वास्केटबाल कोर्ट खेल विभाग के अधीन नहीं है तथा न ही लाखनमाजरा में खेल विभाग, हरियाणा द्वारा वर्तमान में बास्केटबाल खेल की कोई खेल नर्सरी अलॉट की हुई है। वर्तमान में गांव लाखनमाजरा में विभाग द्वारा केवल कबडडी खेल की खेल नर्सरी अलॉट की हुई है। गांव लाखनमाजरा में बास्केटबाल खेल का कोई भी विभागीय प्रशिक्षक नियुक्त नहीं है। जिला खेल अधिकारी, रोहतक द्वारा भेजी गई रिपोर्ट सही है।”
वहीं झज्जर के खेल अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “शहीद ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम, बहादुरगढ़ में बास्केटबॉल पोल गिरने से अमन (15 वर्ष), पुत्र सुरेश कुमार घायल हो गए थे और उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। यह खेल स्टेडियम खेल विभाग के अधीन नहीं है। खेल विभाग द्वारा इस स्टेडियम में कुश्ती हॉल का निर्माण करवाया गया था जिसमें कुश्ती के खिलाड़ियों की मांग अनुसार विभागीय प्रशिक्षक संजय कुमार, कुश्ती प्रशिक्षक का प्रशिक्षण केंद्र/खेल नर्सरी स्थापित है। उक्त स्टेडियम में बास्केटबॉल खेल का कोई भी प्रशिक्षण केंद्र खेल विभाग द्वारा संचालित नहीं किया गया है। अतः उक्त घटना का खेल विभाग से किसी प्रकार का कोई भी संबंध नहीं है।”
डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी ने जांच को सही मानते हुए उसे मुख्यालय भेज दिया। हरियाणा के खेल विभाग के सचिव ने भी रिपोर्ट को सही मानते हुए जिला खेल विभागों को क्लीन चीट दे दी।

