करनाल, 23 सितंबर (आईएएनएस)। वीर शहीदी दिवस के अवसर पर करनाल का सेंट कबीर पब्लिक स्कूल एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना। यहां ‘वॉल ऑफ वेलर’ (वीरता की दीवार) का उद्घाटन किया गया, जो शहर के गौरवशाली बेटे, भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को समर्पित है। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण, विनय के माता-पिता राजेश व आशा नरवाल, बहन सृष्टि और दादा हवा सिंह पहुंचे। सभी ने विनय के बचपन की यादें साझा कीं।
उद्घाटन समारोह में हर कोई भावुक नजर आया। विनय के इसी स्कूल में उनकी बहन के साथ 10वीं तक की पढ़ाई हुई थी। दीवार पर विनय की नौसेना की वर्दी, कैप, उनकी तस्वीर और थल सेना, नौसेना और वायुसेना की प्रेरक छवियां सजाई गई हैं। यह दीवार स्कूली बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी, जिसने उन्हें शहीद की शहादत से प्रेरित किया। बच्चे यहां आकर देश सेवा के प्रति जागरूक हुए और सेना भर्ती के लिए उत्साहित हुए। थल सेना, नौसेना, वायुसेना और हरियाणा पुलिस के सहयोग से लगाई गई हथियार प्रदर्शनी ने भी बच्चों में जोश भरा।
स्पीकर कल्याण ने कहा, “विनय हमारा गौरव है। उनकी शहादत से हर युवा प्रेरित हो।” दादा हवा सिंह, जो हरियाणा पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी हैं, ने भावुक होकर कहा कि विनय बचपन से ही साहसी थे।
विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “शहीदी दिवस पर सेंट कबीर स्कूल ने अनूठी पहल की है। थल, जल, वायु सेना और पुलिस के सहयोग से प्रदर्शनी और ‘वॉल ऑफ वेलर’ स्थापित हुई। यह बच्चों में उत्साह जगाती है, वर्दी के प्रति झुकाव पैदा करती है। स्कूल ने एक महीने से संपर्क किया, सामग्री मांगी, मैंने उपलब्ध कराई। आगे भी सहयोग करूंगा। आने वाले समय में करनाल से कई डिफेंस अधिकारी देश सेवा करेंगे।”
विनय की माता आशा नरवाल ने कहा, “मेरा बेटा देश के लिए जीया, शहीद हुआ। यह दीवार उसकी विरासत है। मां अपने बच्चों को देशभक्ति सिखाएं।”
बता दें कि यह दीवार न केवल शहीद की अमर गाथा को संजोए रखेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा देगी। विनय नरवाल ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमले में अपनी शहादत दी थी, जब वे अपनी नवविवाहित पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने गए थे। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस घटना के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, जिसमें पीओके और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए।