पहली बार समुद्र के रास्ते अमेरिका पहुंची भारतीय अनार की वाणिज्यिक खेप

0
4

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय अनार की पहुंच अब बढ़ चुकी है। दूर-दराज के बाजारों में अनार को पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत पहली बार अनार की एक वाणिज्यिक खेप समुद्र के रास्ते अमेरिका के न्यूयॉर्क पहुंची है।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने शनिवार को बताया कि अमेरिका को बहुमूल्य भारतीय भगवा अनार का निर्यात किया गया है। यह ताजे फलों के निर्यात में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस खेप के आने से भारतीय अनार के प्रतिस्पर्धी अमेरिकी बाजार में पसंदीदा विकल्प बनने की संभावना का संकेत मिलता है।

भारत को अनार के लिए अमेरिका द्वारा बाजार पहुंच प्रदान किए जाने के बाद, 2023 में अमेरिका को हवाई मार्ग से अनार की परीक्षण खेप सफलतापूर्वक भेजी गई थी। इसके बाद भारत ने फरवरी 2024 में नवी मुंबई स्थित विकिरण सुविधा केंद्र (आईएफसी) और आईएनआई फार्म्स के सहयोग से 4,200 बक्से यानी 12.6 टन अनार की अपनी पहली परीक्षण वाणिज्यिक समुद्री खेप को सफलतापूर्वक अमेरिका के लिए रवाना किया था।

भारतीय अनार के लिए अमेरिकी नियामक यूएसडीए से दिसंबर 2024 में अनापत्ति मिली जिसने भारतीय कृषि निर्यातकों के लिए लॉजिस्टिक्स और विनियामक बाधाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी अमेरिकी बाजार तक पहुंच बनी।

भारतीय अनार के 4,620 बक्सों की पहली समुद्री खेप, जिसका वजन लगभग 14 टन था, मार्च के दूसरे सप्ताह में अमेरिका के पूर्वी तट पर पहुंच गई। यह खेप प्रस्थान के पांच सप्ताह के भीतर ही अमेरिका पहुंच गई। न्यूयॉर्क में इस खेप का असाधारण स्वागत किया गया। आगमन की गुणवत्ता को “उत्कृष्ट” बताया गया और ग्राहक भारतीय भगवा किस्म के अनारों की उल्लेखनीय अपील और खाने की बेहतरीन गुणवत्ता से मंत्रमुग्ध हो गए।

एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा, “भारत सरकार वैश्विक बाजार के लिए भारतीय ताजे फलों को बढ़ावा देने में अग्रणी रही है। एपीडा पहले से ही अनापत्ति कार्यक्रम के लिए वित्त व्यवस्था करके अमेरिका में आम और अनार जैसे भारतीय फलों के निर्यात में सहायता कर रहा है। भारतीय किसानों को बेहतर लाभ तब मिलेगा जब उनके फल अमेरिका जैसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात किए जाएंगे। भारतीय आमों का वार्षिक निर्यात पहले ही लगभग 3,500 टन तक पहुंच चुका है और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में अनार का निर्यात भी इतना हो जाएगा।”

भारतीय निर्यात संघ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “भारतीय अनार हमेशा से अपने स्वाद के लिए जाने जाते रहे हैं, इस खेप ने साबित कर दिया है कि सही गुणवत्ता और स्थिरता के साथ, भारतीय ताजे फल अमेरिकी उपभोक्ता के समझदार स्वाद को पूरा कर सकते हैं।”

भारत बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य अनार के प्रमुख उत्पादक हैं। एपीडा ने अनार के लिए विशेष रूप से निर्यात संवर्धन मंच (ईपीएफ) की स्थापना की है जिसका उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करना है।

भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 690.8 लाख डॉलर मूल्य के 72,011 टन अनार का निर्यात किया था। इस वर्ष, भारत से अनार के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-जनवरी के दौरान 597.6 लाख डॉलर मूल्य के साथ निर्यात में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रमुख निर्यात गंतव्यों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, बहरीन, ओमान और अमेरिका शामिल हैं।

भारतीय अनार, विशेष रूप से भगवा किस्म, अपने स्वाद, गहरे लाल रंग और उच्च पोषण मूल्य के लिए प्रसिद्ध हैं। ये अनार एंटीऑक्सीडेंट और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो उन्हें दुनिया भर में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं।