नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार “गरीबों को सशक्त बनाने” में विश्वास करती है और दस वर्षों में कम से कम 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति दिलाने में सहायता की गई है।
सीतारमण ने कहा कि गरीब, महिला, युवा और किसानों की आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में 2024 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, “जब गरीब विकास प्रक्रिया में सशक्त भागीदार बन जाते हैं, तो उनकी सहायता करने की सरकार की शक्ति भी कई गुना बढ़ जाती है।”
उन्होंने कहा कि पीएम जन धन खातों का उपयोग करके 34 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, इससे गरीबों के कल्याण को बल मिला है।
सीतारमण ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत 78 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण सहायता दी गई, जबकि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को अंत तक सहायता दी गई।
उन्होंने कहा, ”पीएम किसान सम्मान योजना के तहत हर साल सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को सीधी नकद सहायता दी गई।”
उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण, देश का कल्याण (गरीबों का कल्याण ही देश का कल्याण है) और देश तब प्रगति करता है, जब वे (गरीब) प्रगति करते हैं।
गुरुवार को अंतरिम बजट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद वित्त मंत्री अपने दो राज्यमंत्रियों के साथ संसद भवन पहुंचीं, जहां पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अंतरिम बजट को मंजूरी दे दी गई।
यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है।