अदाणी समूह श्रीलंका पोर्ट प्रोजेक्ट को स्वयं करेगा फाइनेंस, यूएस डीएफसी से फंडिंग का आवेदन वापस लिया

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मुंबई, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स (एपीएसईजेड) लिमिटेड ने कहा है कि वह अपने वित्तीय साधनों का उपयोग कर श्रीलंका पोर्ट प्रोजेक्ट को पूरा करेगा और इसके लिए उसे अमेरिकी फंडिंग की आवश्यकता नहीं है।

अदाणी पोर्ट्स द्वारा स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा गया कि श्रीलंका पोर्ट प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से चल रहा है और अगले साल पूरा हो जाएगा।

कंपनी ने आगे कहा, “श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (सीडब्ल्यूआईटी) प्रोजेक्ट प्रगति कर रही है और अगले साल की शुरुआत में चालू होने की दिशा में आगे बढ़ रही है।”

इसके अतिरिक्त कंपनी ने कहा, “प्रोजेक्ट को कंपनी के आंतरिक संसाधनों और पूंजी प्रबंधन योजना के माध्यम से फाइनेंस किया जाएगा। हमने यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) से फाइनेंस के लिए अपना अनुरोध वापस ले लिया है।”

पिछले साल नवंबर में यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन ने श्रीलंका में कोलंबो बंदरगाह पर सीडब्ल्यूआईटी के विकास, निर्माण और संचालन का समर्थन करने के लिए 553 मिलियन डॉलर का ऋण प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की थी।

सीडब्ल्यूआईटी को अदाणी पोर्ट्स, श्रीलंकाई कारोबारी समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) के एक कंसोर्टियम द्वारा विकसित किया जा रहा है।

सीडब्ल्यूआईटी प्रोजेक्ट सितंबर 2021 में शुरू हुआ था। इसके लिए अदाणी पोर्ट्स ने श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और श्रीलंकाई कारोबारी समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कोलंबो पोर्ट की क्षमताओं का विस्तार करने के लिए 700 मिलियन डॉलर से अधिक के निवेश का वादा किया गया था।

सीडब्ल्यूआईटी श्रीलंका का सबसे बड़ा और सबसे गहरा कंटेनर टर्मिनल होगा, जिसकी लंबाई 1,400 मीटर और गहराई 20 मीटर होगी।

कोलंबो पोर्ट हिंद महासागर में सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट है और यह 2021 से 90 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर काम कर रहा है, जो अतिरिक्त क्षमता की आवश्यकता को दर्शाता है। इस नए टर्मिनल की वार्षिक कार्गो हैंडलिंग क्षमता 3.2 मिलियन से अधिक होने की संभावना है।