नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण पैदा हुई चुनौतियां और फेक न्यूज का फैलना वैश्विक चिंता का विषय है। भारत डिबेट और जिम्मेदार इनोवेशन के जरिए इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बयान केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को दिया।
संसद को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने उभरते हुए एआई परिदृश्य से उत्पन्न हुई चुनौतियां, सोशल मीडिया की जवाबदेही और मजबूत कानून की आवश्यकता के बारे में बताया।
मंत्री ने फेक न्यूज से निपटने और डिजिटल युग में सटीक विवरण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया।
वैष्णव ने कहा, “यह एक बड़ी चुनौती है, जिसका पूरी दुनिया सामना कर रही है। इसमें सोशल मीडिया की जवाबदेही, विशेष रूप से फेक न्यूज और फेक नैरेटिव बनाना शामिल है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ये ऐसे मुद्दे हैं, जहां एक तरफ अभिव्यक्ति की आजादी है और दूसरी तरफ जवाबदेही एवं रियल न्यूज नेटवर्क हैं। इन पर बहस की जरूरत है और अगर सदन सहमत है और अगर पूरे समाज में आम सहमति है तो हम नया कानून बना सकते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने गोपनीयता और एआई गवर्नेंस के बारे में चिंताओं को भी बताया। साथ ही स्वदेशी उपकरण और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय उपायों का विवरण साझा किया।
‘इंडिया एआई मिशन’ के प्रमुख स्तंभों में से एक एप्लीकेशन का विकास है, जो देश की आवश्यकताओं के साथ इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करता है।
उन्होंने आगे बताया, “एआई के उभरते परिदृश्य को संबोधित करने के लिए, हमने देश के भीतर उपकरण और प्रौद्योगिकियां बनाने के उद्देश्य से आठ परियोजनाएं शुरू की हैं।”
एआई में भारत के वैश्विक नेतृत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश एआई गवर्नेंस पर वैश्विक सोच को आकार देने वाले अग्रणी देशों में से एक है।
उन्होंने आगे कहा, “आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) और संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय निकायों के साथ चर्चा में भारत की आवाज का महत्व बना हुआ है।”