नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि देश में नए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मॉडल लॉन्च करने की पूर्वानुमति की एडवाइजरी केवल बड़े टेक प्लेटफार्मों और उनकी सोशल मीडिया सहायक कंपनियों पर लागू होगी, स्टार्टअप पर नहीं।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आईटी मंत्रालय की नवीनतम एडवाइजरी महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों के लिए है, मंत्रालय से “अनुमति केवल बड़े प्लेटफार्मों के लिए है और स्टार्टअप पर लागू नहीं होगी”।
उन्होंने पोस्ट किया, “मश्विरे का निशाना ऐसे एआई प्लेटफार्म हैं जिनका भारतीय इंटरनेट पर परीक्षण नहीं किया गया है।”
मंत्री ने आगे कहा कि परीक्षण न किए गए प्लेटफार्मों के बारे में यूजरों से अनुमति लेने, लेबल लगाने और सहमति-आधारित प्रकटीकरण की प्रक्रिया “उन प्लेटफार्मों के लिए बीमा पॉलिसी है जिन पर अन्यथा उपभोक्ताओं द्वारा मुकदमा किया जा सकता है।
“देश के इंटरनेट की सुरक्षा और विश्वास सरकार, यूजरों और प्लेटफार्मों के लिए एक साझा और सामान्य लक्ष्य है।”
केंद्र ने पिछले सप्ताह एआई के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि सभी मध्यस्थों को किसी भी तरह का पूर्वाग्रह या भेदभाव नहीं करना चाहिए या चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरे में नहीं डालना चाहिए, और देश में किसी भी एआई मॉडल को लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी चाहिए।
डिजिटल प्लेटफार्मों को तत्काल प्रभाव से नए दिशानिर्देशों का पालन करने और एडवाइजरी जारी होने के 15 दिन के भीतर मंत्रालय को की गई कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
मंत्री ने कहा, “हाल ही में गूगल जेमिनी एआई विवाद के आलोक में एडवाइजरी अब विशेष रूप से एआई से संबंधित है। डिजिटल प्लेटफॉर्म को पूरी जवाबदेही लेनी होगी और यह कहकर नहीं बच सकते कि यह एआई मॉडल परीक्षण के चरण में हैं।”
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, “आईटी अधिनियम और/या आईटी नियमों के प्रावधानों का अनुपालन न करने पर मध्यस्थों या प्लेटफार्मों या इसके यूजरों की पहचान होने पर संभावित दंडात्मक परिणाम होंगे, जिसमें आईटी अधिनियम और आपराधिक संहिता के कई अन्य कानूनों के तहत अभियोजन शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।”