भुवनेश्वर, 23 सितंबर (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को सेना अधिकारी और उनकी होने वाली पत्नी से मुलाकात की, जिन पर 15 सितंबर को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों द्वारा कथित रूप से हमला किया गया था।
लोक सेवा भवन में हुई बैठक के दौरान महिला के पिता और कुछ सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
सीएम माझी से मुलाकात के बाद महिला ने कहा, “आज सीएम मोहन माझी ने साबित कर दिया है कि वह सही मायनों में जनता के मुख्यमंत्री हैं।”
पीड़िता के पिता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि, ओडिशा सरकार ने इस मामले में न्यायिक जांच और अदालत की निगरानी में अपराध शाखा से जांच कराने का आदेश दिया है, इसलिए उन्हें इस मामले में न्याय मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने महिला और सैन्य अधिकारी की बात सुनने तथा उनकी सभी मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री मांझी और सरकार को धन्यवाद दिया।
अपनी बेटी से संबंधित वायरल वीडियो के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि, जो लोग दोषी हैं वे उनकी बेटी का चरित्र हनन करने के उद्देश्य से चुनिंदा वीडियो क्लिप जारी कर रहे हैं और उन्होंने सरकार से इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
इस बीच, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने दोहराया कि राज्य सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध की किसी भी घटना के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति अपना रही है।
उन्होंने कहा कि मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री मांझी ने एक मंत्री स्तरीय समिति गठित की, जिसमें उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव और पार्वती परिदा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी और वह स्वयं शामिल हैं।
समिति ने रविवार शाम राज्य अतिथि गृह में एक बैठक के दौरान पीड़िता, उसके परिवार और सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों की शिकायतें और मांगें सुनी।
बाद में राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच का आदेश देने का निर्णय लिया।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने उड़ीसा उच्च न्यायालय से इस मामले की अपराध शाखा की जांच की निगरानी करने का भी अनुरोध किया।
हरिचंदन ने बताया कि सेना के पूर्व सैनिकों, पीड़ित महिला और सेना अधिकारी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनकी मांगें पूरी करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री मांझी ने रविवार को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति चित्त रंजन दाश की अध्यक्षता में सैन्य अधिकारी को कथित पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने तथा 15 सितंबर को भरतपुर पुलिस थाने में उसकी मंगेतर को प्रताड़ित करने और कथित छेड़छाड़ से संबंधित मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।