लंदन, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। ब्रिटेन में बलूच प्रवासी समुदाय के कई सदस्यों ने लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने इसकी जानकारी दी। बलूच प्रवासियों का आरोप है कि बलूचिस्तान के जेहरी क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना “क्रूर सैन्य अभियान” चला रही है।
बलूच प्रवासियों का आरोप है कि कई हफ्तों से जारी पाकिस्तानी सैन्य अभियानों में कई लोग मारे गए और घायल हुए हैं। ऐसे में यह प्रदर्शन जेहरी में बढ़ते मानवाधिकार संकट के बीच हो रहा है।
बलूच वॉयस फॉर जस्टिस (बीवीजे) ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बैनर लिए हुए थे और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए नारे लगाए।
उन्होंने ब्रिटिश सरकार से “अपनी चुप्पी तोड़ने” और बलूचिस्तान में जारी अत्याचारों के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।
बीवीजे ने कहा, “आयोजकों के अनुसार, जेहरी के आम निवासी ‘घेराबंदी जैसी स्थिति’ का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इलाके में सैन्य अभियान तेज हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बमबारी में महिलाएं और बच्चे मारे जा रहे हैं, सड़कें अवरुद्ध कर दी गई हैं और कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसकी वजह से स्थानीय आबादी बेहद संकट में है।”
प्रदर्शनकारियों ने इसे ‘एक व्यवस्थित नरसंहार’ बताया और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से इस क्षेत्र में सच्चाई पता करने के लिए टीम भेजने का आग्रह किया।
दूसरी ओर, बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों को लेकर बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार विभाग, पांक ने सोमवार को बताया कि पूरे प्रांत में जबरन गायब किए जाने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने एक और बलूच नागरिक को जबरन गायब कर दिया है।
मानवाधिकार संस्था ने बताया कि 19 अक्टूबर को, पाकिस्तानी फ्रंटियर कोर (एफसी) के जवानों ने मस्तुंग जिले में अदनान बलूच की दुकान पर छापा मारा और उसे जबरन किसी अज्ञात स्थान पर ले गए। तब से, उसका कोई पता नहीं चल पाया है और न तो उसके परिवार को और न ही किसी और को उसकी हिरासत के बारे में सूचित किया गया है।
मानवाधिकार संस्था ने इस घटना को पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों द्वारा जबरन गायब किए गए बलूच व्यक्तियों की सूची में एक और नाम जुड़ने का मामला बताया।
मानवाधिकार संस्था ने कहा, “अदनान पेशे से एक दुकानदार है जो अपने पूरे परिवार का पेट पालता था। उसका अचानक और जबरन गायब होना, बलूच अधिकारों के उल्लंघन के चल रहे राज्य के क्रूर पैटर्न का ही एक और उदाहरण है।”