कोलकाता, 20 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में राज्य में तृणमूल कांग्रेस के अकेली ही मैदान में उतरने के पर्याप्त संकेत दिए हैं। इसके बाद कांग्रेस की राज्य इकाई सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ सीट-बंटवारे के लिए आलाकमान की इजाजत का इंतजार कर रही है।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डब्ल्यूबीपीसीसी) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई के ज्यादातर सदस्य वाम मोर्चा के साथ सीट-बंटवारे के समझौते के लिए सहमत हैं, लेकिन औपचारिक तौर पर बातचीत शुरू करने के लिए पार्टी आलाकमान से की इजाजत का इंतजार है।
डब्ल्यूबीपीसीसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “शायद आलाकमान यह जानने की कोशिश कर रहा है कि कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत में तृणमूल कांग्रेस कितनी लचीली होगी। यह संकेत पहले से ही था कि तृणमूल कांग्रेस हमारे लिए दो से अधिक सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है। वह उन दो सीटों पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी, जहां कांग्रेस के पास पार्टी के मौजूदा लोकसभा सदस्य हैं। अब चूंकि मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में सभी 42 निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारने का स्पष्ट संकेत दिया है, अब हमें उम्मीद है कि वाम मोर्चा के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू करने के लिए आलाकमान से हरी झंडी मिल जाएगी।“
उनके अनुसार, राज्य कांग्रेस वाम मोर्चे के साथ संभावित सीट-बंटवारे की बातचीत में आठ से 10 सीटों पर दावा करना चाहेगी, जिनमें से प्रमुख मुर्शिदाबाद जिले की सभी तीन सीटें, मालदा की दोनों सीटें और उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग और पुरुलिया की एक-एक सीट होगी।
दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से राज्य विधानसभा में ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) के एकमात्र प्रतिनिधि नौशाद सिद्दीकी की उम्मीदवारी का समर्थन करने में राज्य कांग्रेस नेतृत्व कमोबेश वाम मोर्चे के साथ सहमत है, जिसके सांसद हैं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी।
कांग्रेस और वाम मोर्चा, दोनों एक-दूसरेे को समर्थन देंगे, बशर्ते एआईएसएफ राज्य में अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के लिए सौदेबाजी न करे।
–आईएएनएस
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