नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) पहल के एक दशक पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लैंगिक पूर्वाग्रहों पर काबू पाने और बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करने में इस पहल की सफलता की सराहना की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला।
उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “आज हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन के 10 साल पूरे कर रहे हैं। पिछले एक दशक में, यह एक परिवर्तनकारी, लोगों द्वारा संचालित पहल बन गई है और इसमें सभी क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी रही है।”
इसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पहल ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और लड़कियों को अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान लैंगिक भेदभाव को दूर करने में सहायक रहा है और साथ ही इसने यह सुनिश्चित करने के लिए सही माहौल तैयार किया है कि बालिकाओं को शिक्षा और अपने सपनों को पूरा करने के अवसरों तक पहुंच मिले।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अभियान की सफलता का श्रेय देश भर के समुदायों और संगठनों के प्रयासों को दिया। उन्होंने बाल लिंगानुपात में सुधार का उल्लेख किया, खासकर उन जिलों में जहां पहले कम संख्या दर्ज की जाती थी।
पीएम मोदी ने एक अन्य एक्स पोस्ट में कहा, “लोगों और विभिन्न सामुदायिक सेवा संगठनों के समर्पित प्रयासों की बदौलत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। ऐतिहासिक रूप से कम बाल लिंगानुपात वाले जिलों में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किए गए हैं और जागरूकता अभियानों ने लैंगिक समानता के महत्व की गहरी समझ पैदा की है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्धता का भी आग्रह किया। उन्होंने लिखा, “मैं उन सभी हितधारकों की सराहना करता हूं जिन्होंने जमीनी स्तर पर इस आंदोलन को जीवंत बनाया है। आइए हम अपनी बेटियों के अधिकारों की रक्षा करना जारी रखें, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करें और एक ऐसा समाज बनाएं, जहां वे बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सकें। साथ मिलकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले वर्ष भारत की बेटियों के लिए और भी अधिक प्रगति और अवसर लेकर आएं।”
22 जनवरी, 2015 को शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) में समानता और बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत सरकार द्वारा सबसे प्रभावशाली सामाजिक पहलों में से एक बन गई है।