रियो डी जेनेरियो, 19 नवंबर (आईएएनएस)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए रुकी हुई वार्ता को फिर से शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन एक ‘नई रणनीतिक साझेदारी’ बनाने पर ध्यान देगा।
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद स्टार्मर ने कहा, “भारत के साथ एक नया व्यापार समझौता ब्रिटेन में नौकरियों और समृद्धि का समर्थन करेगा। यह हमारे देश में विकास और अवसर प्रदान करने के हमारे मिशन में एक कदम आगे का प्रतिनिधित्व करेगा।”
मोदी-स्टारमर बैठक के बारे में यूके पीएम ऑफिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “ब्रिटेन भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी बनाने की कोशिश करेगा, जिसमें व्यापार समझौता भी शामिल होगा, साथ ही सुरक्षा, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना भी शामिल होगा।’
स्टारमर के बयान में कहा गया, “यूके भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है – जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत के लिए, यूके के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी एक प्राथमिकता है। आने वाले वर्षों में, हम टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, सुरक्षा, इनोवेशन, जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। हम व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करना चाहते हैं।”
पीएम मोदी ने स्टारमर के साथ अपनी बैठक को ‘बेहद उत्पादक’ बताया। जुलाई में लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को हारकर उनकी जगह लेने वाले स्टारमर के साथ प्रधानमंत्री की यह पहली बैठक थी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दोनों नेताओं को भरोसा है कि उनके वार्ताकार एक ‘संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी और दूरदर्शी मुक्त व्यापार समझौता’ करेंगे।
बयान में कहा गया कि भारत प्रवासी भारतीयों की बेहतर सेवा के लिए बेलफास्ट और मैनचेस्टर में दो नए महावाणिज्य दूतावास – या उप उच्चायोग – खोलेगा।
विदेश मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन में रह रहे भारत के कथित आर्थिक अपराधियों का मुद्दा उठाया, जिन्हें नई दिल्ली प्रत्यर्पित करना चाहता है। भारत जिन लोगों को प्रत्यर्पित करना चाहता है, उनमें सबसे प्रमुख हैं विजय माल्या, जो कभी शराब और एयरलाइन के बड़े उद्योगपति थे और कई वर्षों से प्रत्यर्पण से बचते रहे हैं। अन्य लोगों में हीरा व्यापारी नीरव मोदी और क्रिकेट प्रशासक ललित मोदी शामिल हैं।