डोपिंग में फेल होने के बाद चेल्सी के फॉरवर्ड माइखाइलो मुडरीक पर लगा सस्पेंशन

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस): चेल्सी के फॉरवर्ड माइखाइलो मुडरीक को डोपिंग टेस्ट में फेल होने के बाद अस्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया गया है। फुटबॉल एसोसिएशन ने यूरीन टेस्ट के नतीजों के आधार पर क्लब से संपर्क किया था।

मुडरीक ने हालांकि डोपिंग से इनकार किया है और उनका कहना है कि वह ऐसे पदार्थों का कभी सेवन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले की जांच करेंगे और आगे की प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं।

मुडरीक ने अपने बयान में कहा, “मैं यह पुष्टि कर सकता हूं कि फुटबॉल एसोसिएशन को दिए गए मेरे सैंपल में एक प्रतिबंधित पदार्थ मिला है। यह मेरे लिए बेहद चौंकाने वाली बात है क्योंकि मैंने कभी जानबूझकर किसी प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन नहीं किया और न ही किसी नियम को तोड़ा। मैं अपनी टीम के साथ मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि यह कैसे हुआ। मुझे भरोसा है कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है और मैं जल्द से जल्द मैदान पर लौटने की उम्मीद करता हूं। गोपनीयता के चलते मैं अभी ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, लेकिन जैसे ही संभव होगा, मैं और जानकारी दूंगा।”

मुडरीक के सैंपल में जो पदार्थ मिला है, उसे ‘मेल्डोनियम’ कहा जा रहा है। यह एक परफॉर्मेंस-बढ़ाने वाली दवा है, जिसे जनवरी 2016 में वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने प्रतिबंधित सूची में शामिल किया था।

चेल्सी फुटबॉल क्लब ने भी बयान जारी करते हुए कहा, “हमें फुटबॉल एसोसिएशन ने हमारे खिलाड़ी मायखाइलो मुद्रिक के एक सामान्य टेस्ट में खराब नतीजे की जानकारी दी है। क्लब और मुडरीक दोनों एफए के टेस्टिंग प्रोग्राम का समर्थन करते हैं। सभी खिलाड़ियों का नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है।

मुडरीक ने साफ कहा है कि उन्होंने कभी किसी प्रतिबंधित पदार्थ का जानबूझकर इस्तेमाल नहीं किया। अब क्लब और मायखाइलो मिलकर इस मामले की जांच करेंगे कि ऐसा क्यों हुआ।”

मुडरीक को जनवरी 2023 में चेल्सी ने लगभग 89 मिलियन पाउंड की बड़ी डील पर साइन किया था। उन्होंने चेल्सी के साथ आठ साल से अधिक का करार किया है, जो जून 2031 तक चलेगा। हालांकि क्लब में अब तक उनका प्रदर्शन बहुत प्रभावी नहीं रहा है। उन्होंने 73 मैच खेले हैं, जिसमें सिर्फ 10 गोल और 9 असिस्ट किए हैं।

ज्ञात हो कि, हाल के समय का सबसे बड़ा डोपिंग केस पॉल पोग्बा का है, जिन्हें टेस्टोस्टेरोन-बढ़ाने वाले पदार्थ के उपयोग पर चार साल के लिए बैन किया गया था।