मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण नेताजी की जयंती का जश्‍न फीका पड़ा

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इंफाल, 23 जनवरी (आईएएनएस)। मणिपुर सरकार ने पिछले वर्षों के विपरीत मंगलवार को मोइरांग में भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) के शहीद स्मारक परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती सादे ढंग से मनाई। राज्य पिछले करीब नौ महीने से जातीय संघर्ष का सामना कर रहा है।

द्वितीय विश्‍वयुद्ध के चरम पर आईएनए ‘आजाद हिंद फौज’ का झंडा पहली बार 14 अप्रैल, 1944 को बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में बहादुर समूह के कमांडर कर्नल सौकत हयात मलिक द्वारा फहराया गया था।

यहीं से जापानी सेना के शीर्ष कमांडर और उनके सहयोगी युद्ध की रणनीति तैयार करते थे और मित्र देशों की सेना के खिलाफ लड़ने के लिए अभियान चलाते थे।

मणिपुर कला और संस्कृति विभाग के तहत एक इकाई, आईएनए युद्ध संग्रहालय की क्यूरेटर एल साधना देवी ने कहा कि उन्होंने संघर्ष के कारण मंगलवार को कम महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सालगिरह मनाई।

साधना देवी ने कहा, “जैसा कि हमारे वरिष्ठों ने सलाह दी थी, हमने आज (मंगलवार) के कार्यक्रम को स्थानीय लोगों, विशेषकर स्थानीय आईएनए सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए एक मामूली कार्यक्रम में आयोजित किया।”

आईएनए सलाहकार समिति के एक नेता ने यह भी कहा कि अस्थिर स्थिति के कारण सालगिरह का जश्‍न बहुत ही सरल तरीके से संपन्न हुआ।

–आईएएनएस

एसजीके/