मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस ने शनिवार को अलग-थलग पड़े भाईयों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की संयुक्त ‘विजय रैली’ से खुद को दूर कर लिया है। रैली में राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा लागू करने के दो सरकारी प्रस्तावों को वापस लेने का जश्न मनाना है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के एक बड़े वर्ग ने शनिवार की रैली में पार्टी की भागीदारी का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि हालांकि पार्टी हिंदी थोपने के विरोध में है, लेकिन वह आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले गैर-मराठी वोट बैंक को परेशान नहीं करना चाहती। पार्टी ने कल उद्धव-राज ठाकरे के कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला जानबूझकर किया है।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, “हमने हमेशा कहा है कि हम हिंदी थोपने के भाजपा सरकार के मिशन का समर्थन नहीं करते हैं। हमने किसी भी अन्य पार्टी से पहले अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। हम मराठी के साथ खड़े हैं, लेकिन हर दूसरी भाषा का सम्मान करते हैं। मुझे शनिवार के कार्यक्रम के लिए निमंत्रण मिला। मैंने अपनी यात्रा की योजना तय कर ली है, जिसे मैं बदल नहीं सकता।”
सपकाल ने प्राथमिक शिक्षा में तीन-भाषा फॉर्मूले पर अपनी रिपोर्ट देने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित नरेंद्र जाधव समिति को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “हम नीति का ही विरोध करते हैं। इस समिति का समर्थन करने का सवाल ही नहीं उठता। इसे तुरंत खत्म कर देना चाहिए।” कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी मराठी और गैर मराठी भाषी लोगों के बीच विवाद के मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के पीछे नहीं पड़ना चाहती।
राज्य के अन्य कांग्रेस नेता भी फिलहाल ठाकरे के साथ जाने को लेकर चिंतित हैं।
विदर्भ से पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक और नेता ने कहा, “फिलहाल ऐसा लग रहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव सभी के लिए एकतरफा होने जा रहे हैं। हमें दूसरों का अनुसरण करने के बजाय अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।”