चेन्नई: लंबे समय से रह रहे परिवारों को मकान पट्टा दिलाने के लिए माकपा की बड़ी तैयारी

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चेन्नई, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने घोषणा की है कि वह 16 दिसंबर को चेन्नई में बड़े पैमाने पर जन–मोबिलाइजेशन करेगी। इस आंदोलन का उद्देश्य उन शहरी परिवारों को मकान पट्टा दिलाना है, जो दशकों से शहर में रह रहे हैं लेकिन आज तक कानूनी स्वामित्व दस्तावेज नहीं मिल पाए हैं।

गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए माकपा के राज्य सचिव पी. शनमुगम ने कहा कि चेन्नई और उसके उपनगरीय इलाकों में करीब एक-तिहाई घरों के पास अभी भी पट्टा नहीं है, जबकि ये परिवार कई वर्षों से यहां स्थायी रूप से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई सरकारों ने नियमितीकरण योजनाओं की घोषणा की, लेकिन गरीब और कामकाजी वर्ग के लोग अब भी अपनी जमीन के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

शनमुगम ने बताया कि तेज और अव्यवस्थित शहरीकरण की वजह से कई पुराने जलाशयों और खाली पड़ी जमीनों पर धीरे-धीरे आवासीय बस्तियां बस गईं। कई मामलों में सरकार ने ही लोगों को पोरंबोक जमीनों पर बसाया और उसके बाद वहां सड़क, पेयजल, ड्रेनेज, बिजली, स्कूल और राशन दुकान जैसी सभी नागरिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराईं। कई इलाकों में वर्षों से प्रॉपर्टी टैक्स भी वसूला जा रहा है।

उन्होंने कहा, “इसके बावजूद निवासियों को आज भी अतिक्रमणकारी कहा जाता है। उन्हें पट्टा देने से यह कहकर इनकार कर दिया जाता है कि जमीन जल-संरक्षण क्षेत्र, सरकारी स्वामित्व, रेलवे भूमि या ट्रस्ट की संपत्ति में आती है। यह स्थिति शहरी गरीब परिवारों के लिए बेहद अन्यायपूर्ण है।”

माकपा नेता ने बताया कि चेन्नई के केंद्रीय क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जाति समुदाय विशेष रूप से असुरक्षित हैं और शहर सुंदरकरण परियोजनाओं के नाम पर लगातार विस्थापन का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कन्नगी नगर और सेम्मनचेरी में पुनर्वासित निवासियों की समस्याओं का भी उल्लेख किया, जहां अब भी सेवाएं अपर्याप्त हैं और पुनर्वास से जुड़े कई वादे अधूरे हैं।

पार्टी ने अपनी मांगों का विस्तृत चार्टर भी जारी किया है, जिसमें पूरे तमिलनाडु में भूमि का पुनः सर्वेक्षण, सरकारी और निजी जमीन पर लंबे समय से रह रहे निवासियों को पट्टा जारी करना, हाउसिंग बोर्ड और स्लम क्लीयरेंस बोर्ड के आवंटियों को सेल डीड और नामांतरण की सुविधा उपलब्ध कराना, तथा मंदिर की संपत्ति पर रह रहे परिवारों का पारदर्शी और उचित किराया प्रणाली के साथ नियमितीकरण शामिल है।

शनमुगम ने कहा, “इन मांगों के समर्थन में 16 दिसंबर को स्वामी शिवानंद सलाई पर एक लाख लोगों के साथ मार्च निकाला जाएगा। मार्च के अंत में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।” उन्होंने इस अभियान को “सम्मान, न्याय और सभी के लिए सुरक्षित आवास की लड़ाई” बताया।