दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब, ग्रेप स्टेज-2 प्रतिबंध लागू, सख्त निगरानी के निर्देश

0
7

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का संकट गहरा गया है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के स्टेज-2 को तेजी से सक्रिय करना पड़ा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शहर का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 (‘खराब’) तक, शाम 6 बजे तक बढ़कर 300 और शाम 7 बजे तक 302 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

इसे देखते हुए सीएक्यूएम की ग्रैप उप-समिति की एक तत्काल बैठक बुलाई गई, जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के पूर्वानुमानों की समीक्षा की गई, जिसमें स्थानीय उत्सर्जन, स्थिर हवाओं और तापमान इनवर्जन के कारण आने वाले दिनों में निरंतर ‘बहुत खराब’ स्थिति (301-400) बने रहने की आशंका जताई गई।

बिगड़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एक निर्णायक कदम उठाते हुए, उप-समिति ने सर्वसम्मति से स्टेज-II के तहत 12-सूत्रीय कार्य योजना तैयार की, जो मौजूदा स्टेज-I उपायों पर आधारित है।

एनसीआर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) जैसी एजेंसियों को सख्त प्रवर्तन का काम सौंपा गया है। इस योजना की शुरुआत प्रमुख सड़कों पर रोजाना यांत्रिक सफाई और पानी छिड़काव, मशीनरी शिफ्ट में तेजी लाने और व्यस्त समय से पहले हॉटस्पॉट और ट्रैफिक कॉरिडोर पर सफाई करने से होगी, जिससे उचित अपशिष्ट निपटान सुनिश्चित होगा।

निर्माण स्थलों पर कड़ी जांच, टारगेट हॉटस्पॉट हस्तक्षेप और डीजल जनरेटर (डीजी) के उपयोग को सीमित करने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति भी लागू है। 29 सितंबर, 2023 को जारी निर्देश के अनुसार, डीजी संचालन आपात स्थितियों, अस्पतालों, रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डों, सीवेज प्लांट, जल पंप, राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजनाओं और दूरसंचार तक सीमित हैं।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कर्मियों की तैनाती करके यातायात को सुचारू बनाया जाएगा, जबकि मीडिया प्रदूषण अलर्ट और दिशानिर्देश प्रसारित करेगा।