घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक वॉल्यूम वित्त वर्ष 26 में बढ़कर 17.2-17.6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान

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    नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। भारत का घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक वॉल्यूम वित्त वर्ष 26 में बढ़कर 17.2 से लेकर 17.6 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 4-6 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है। यह जानकारी गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई।

    रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने कहा कि घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक वॉल्यूम में ग्रोथ ऐसे समय पर देखने को मिली है, जब देश में नए एयरक्राफ्ट की डिलीवरी में इजाफा हो रहा है।

    वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में घरेलू हवाई यात्री ट्रैफिक की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही। इसकी वजह बॉर्डर पर तनाव होना है, जिसके कारण उड़ानों पर काफी असर हुआ, साथ ही विमान दुर्घटना के बाद यात्री यात्रा करने में हिचकिचा रहे हैं।

    रिपोर्ट में बताया गया कि लंबे समय तक मानसून रहने के कारण जुलाई-अगस्त की अवधि में हवाई ट्रैफिक पर असर हो सकता है। वहीं, अब अमेरिकी टैरिफ के कारण बिजनेस सेंटीमेंट पर असर हो सकता है।

    आईसीआरए की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख किंजल शाह ने कहा, “वित्त वर्ष 25 के दौरान, भारतीय विमानन उद्योग को बेहतर मूल्य निर्धारण क्षमता का लाभ मिला, जो हवाई यात्रा की अच्छी मांग के कारण बढ़ी हुई यील्ड में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। हालांकि, वित्त वर्ष 26 में मांग का माहौल सतर्क बना हुआ है।”

    आईसीआरए का अनुमान है कि भारतीय विमानन उद्योग को वित्त वर्ष 26 में 95-105 अरब रुपए का शुद्ध घाटा होगा, जबकि वित्त वर्ष 25 में यह करीब 55 अरब रुपए था। ऐसा विमानों की बढ़ती आपूर्ति के बीच यात्री ट्रैफिक वृद्धि में कमी के कारण हो रहा है।

    हालांकि, वित्त वर्ष 26 के लिए अनुमानित घाटा वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 23 में दर्ज घाटे की तुलना में काफी कम है, जो क्रमशः 216 अरब रुपए और 179 अरब रुपए है।

    रिपोर्ट में बताया गया कि विमानन उद्योग ने वित्त वर्ष 25 में लगभग 5 प्रतिशत क्षमता वृद्धि देखी और 31 मार्च, 2025 तक कुल विमानों की संख्या 855 तक पहुंच गई है।

    विभिन्न एयरलाइनंस ने बड़े विमान खरीद ऑर्डर की घोषणा की है और आंकड़ों के अनुसार, कुल लंबित विमान आपूर्ति 1,600 से अधिक है, जो अगले 10 वर्षों में प्राप्त होने की संभावना है।

    इनमें से एक बड़ा हिस्सा पुराने विमानों को नए ईंधन-कुशल विमानों से बदलने के लिए है।

    शाह ने कहा, “इंजन की विफलता और आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों के कारण सितंबर 2023 तक इंडस्ट्री के कुल बेड़े के 20-22 प्रतिशत विमान जमीन पर खड़े हो गए थे। मार्च 2025 तक यह अनुपात घटकर लगभग 15-17 प्रतिशत रह गया है, जो लगभग 130 विमानों के बराबर है।”