काबुल, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आए विनाशकारी भूकंप में 622 लोगों ने जान गंवा दी, जबकि 1,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई। अफगानिस्तान में आए भूकंप पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को गहरी चिंता जताई।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए भूकंप पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत इस मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान को हरसंभव सहायता मुहैया कराएगा।
विनाशकारी भूकंप में हुए नुकसान की जानकारी सोमवार को सरकारी रेडियो एंड टेलीविजन ऑफ अफगानिस्तान (आरटीए) ने दी।
आपदा के बाद बचाव दल राहत कार्य में जुटा है। दूरदराज के इलाकों में नुकसान का आकलन कर मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि बचाव कार्य जारी है। मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आरटीए के हवाले से बताया कि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार 31 अगस्त को स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र 27 किलोमीटर दूर और आठ किलोमीटर की गहराई पर था।
अफगानिस्तान भूकंप के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है, क्योंकि यह कई फॉल्ट लाइनों के ऊपर स्थित है। यहां भारतीय और यूरेशियन प्लेटें मिलती हैं। पूर्वी अफगानिस्तान का पहाड़ी इलाका भूस्खलन के लिए भी संवेदनशील है, जिससे आपातकालीन स्थिति में बचाव कार्य करना मुश्किल हो जाता है।
पिछले साल पश्चिमी भाग में आए भूकंपों में 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले, 7 अक्टूबर 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था। तालिबान सरकार ने अनुमान लगाया था कि इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे। यह हाल के दिनों में आई सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में अफगानिस्तान में भूकंपों में 7,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। भूकंप से हर साल औसतन 560 मौतें होती हैं।
मई 1998 में उत्तरी अफगानिस्तान के तखर और बदख्शां प्रांतों में आए भूकंप में लगभग 4,000 लोग मारे गए थे। उस समय करीब 100 गांव और 16,000 घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस दौरान 45,000 लोग बेघर हो गए थे।