नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। बाजार में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाली गर्भनिरोधक दवाओं की हालत आज भी 10 साल पहले जैसी ही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में अभी भी बेहतर सुरक्षा प्रदान करने वाली चिकित्सीय दवाओं का अभाव है।
वर्तमान में बाजार में उपलब्ध गर्भ निरोधकों से अनियमित रक्तस्राव पैटर्न, वजन बढ़ना, मूड में बदलाव, अवसाद, माइग्रेन या सिरदर्द, मतली और मुंहासे का खतरा रहता है।
दुष्प्रभाव उन मुख्य कारणों में से एक हैं जिनकी वजह से मरीज गर्भनिरोधक का उपयोग बंद करने का निर्णय ले सकते हैं, जिससे अनपेक्षित गर्भधारण हो सकता है।
डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडेटा की रिपोर्ट से पता चला है कि कुछ महिलाएं संबंधित दुष्प्रभावों के कारण हार्मोनल गर्भनिरोधक लेने से झिझकती हैं।
गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक की अधूरी आवश्यकता उन व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है जो दुष्प्रभाव, व्यक्तिगत प्राथमिकताएं या धार्मिक विश्वास जैसे कई कारणों से हार्मोनल गर्भ निरोधकों से बचना चाहते हैं।
ग्लोबलडेटा में कार्डियोवास्कुलर और मेटाबोलिक डिसऑर्डर विश्लेषक शिरीन मोहम्मद ने एक बयान में कहा, ‘अधिकांश देशों में गर्भनिरोधक तरीकों तक पहुंच भी एक चुनौती बनी हुई है। जबकि गर्भनिरोधकों को मंजूरी दी जा सकती है और लॉन्च किया जा सकता है, उन्हें बीमा कंपनियों द्वारा कवर किया जा सकता है। यदि उन्हें कवर नहीं किया जाता है तो कई मरीज उन्हें खरीदने करने में सक्षम नहीं होते।’
मोहम्मद ने कहा, “आखिरकार विभिन्न गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में जागरूकता में सुधार की गुंजाइश है क्योंकि कई मरीज और प्रदाता गर्भनिरोधक के वर्तमान में इस्तेमाल किए जाने वाले उपायों से अनजान हैं। साथ ही इनके इस्तेमाल करने की जानकारी से भी अनजान हैं।
गर्भनिरोधक दवाओं का पालन करना मुख्य बात है। मरीज या तो हर दिन हार्मोनल गर्भनिरोधक लेना याद नहीं रखते हैं या साइड इफेक्ट के कारण अपने गर्भनिरोधक को पूरी तरह से बंद कर सकते हैं।
मौखिक गर्भनिरोधक (ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स) उपयोगकर्ताओं के बीच अनुपालन कठिनाइयां अधिक आम हैं।
गर्भनिरोधकों के प्रति जानकारी उपलब्ध गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में ज्ञान बढ़ाने में मदद कर सकती है, जिससे व्यक्तियों को निर्णय लेने और गर्भनिरोधक का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जा सकता है।
हालांकि गर्भनिरोधक के ऐसे तरीके हैं जो लंबे समय तक चलते हैं, जैसे कि हार्मोनल अंतर्गर्भाशयी उपकरण (हार्मोनल इंट्रायूटरिन डिवाइस) यह तीन से पांच साल तक चलती हैं, ये दैनिक गर्भ निरोधकों की तरह ही काम करती है।
मोहम्मद ने कहा, “इस अधूरी आवश्यकता को संबोधित करने के लिए, कम दुष्प्रभावों वाले उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीकों के विकास की आवश्यकता है। गर्भनिरोधक तरीकों की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने और अनपेक्षित गर्भधारण को रोकने के लिए इसमें सुधार और पालन करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए इसमें शिक्षा और नयापन लाने की भी आवश्यकता है।
–आईएएनएस
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