राजकोट, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। गुजरात के राजकोट के नवगाम इलाके में मंगलवार को एक साबुन और फिनाइल निर्माण इकाई में आग लग गई। आग बुझाते समय अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा (आरएफईएस) का एक कर्मचारी घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि आग जेएंडके कॉटेज इंडस्ट्रीज में लगी थी। शुरुआत में दो दमकल गाड़ियां भेजी गईं, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर आग पर काबू पाने के लिए चार और गाड़ियों को भेजा गया।
एक अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान फायर फाइटर विजय जेसर के दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया और उसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।
कार्यवाहक डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर अशोक सिंह जाला ने बताया कि आपातकालीन कर्मचारियों को आग बुझाने और घटनास्थल को सुरक्षित करने में करीब तीन घंटे लगे।
अधिकारियों ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
गुजरात में हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण औद्योगिक आग की घटनाएं देखी गई हैं, जिससे इस क्षेत्र में औद्योगिक सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
इससे पहले, बनासकांठा जिले में मंगलवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण हादसे में बॉयलर फटने से 18 मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, कई अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।
नवंबर 2024 में गुजरात में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की रिफाइनरी में आग लग गई, जिसके परिणामस्वरूप दो लोगों की मौत हो गई और दो घायल हो गए। आग बेंजीन भंडारण टैंक में लगी और बाद में बगल के टैंक में फैल गई।
गंभीरता के बावजूद, रिफाइनरी का संचालन बिना किसी रुकावट के जारी रहा।
इससे पहले, जून 2022 में वडोदरा के पास नंदेसरी औद्योगिक क्षेत्र में दीपक नाइट्राइट की रासायनिक निर्माण सुविधा में भीषण आग लग गई थी।
धुएं के कारण सात श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और एहतियात के तौर पर आस-पास के इलाकों से लगभग 700 निवासियों को निकाला गया था।
दिसंबर 2020 में वटवा जीआईडीसी में एक रासायनिक कारखाने में लगी भीषण आग के कारण कई विस्फोट हुए, जिससे चार औद्योगिक इकाइयाँ जलकर खाक हो गईं। सौभाग्य से, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली, लेकिन इस घटना के बाद अधिकारियों को प्रभावित इकाइयों को बंद करने और सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन की समीक्षा करने का आदेश देना पड़ा।
जून 2020 में एक और दुखद घटना हुई, जब यशस्वी रसायन प्राइवेट लिमिटेड में विस्फोट हुआ। दहेज स्थित रासायनिक फैक्ट्री में हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई और 57 लोग घायल हो गए। विस्फोट इतना तीव्र था कि इससे फैक्ट्री को भारी नुकसान पहुंचा और औद्योगिक सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गईं।