पटना, 12 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के अररिया जिले में पिछले सप्ताह रहस्यमय बीमारी के कारण पांच बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
मरने वाले बच्चों में अंकुश कुमार (3 महीने), गौरी कुमारी (8), रौनक कुमार (4), और दो अन्य शामिल हैं। इन्होंने रानीगंज ब्लॉक स्थित चिरवा रहिका टावर टोला गांव में दम तोड़ दिया था।
दूसरी तरफ अररिया के सिविल सर्जन डॉ. के.के. कश्यप ने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित अन्य बच्चों का इलाज अररिया के सदर अस्पताल में चल रहा है। तीन अन्य बच्चों का इलाज पूर्णिया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे ठीक हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए है। गांव में ब्लीचिंग पाउडर से सैनिटाइजिंग की गई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य टीम तैनात की गई है। चिकनगुनिया के संदेह को देखते हुए विभाग ने अलर्ट बढ़ा दिया है।
पटना स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ मौके पर भी तैनात है। उन्होंने बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए मरीजों और निवासियों दोनों से रक्त के नमूने एकत्र किए हैं।
उन्होंने कहा, “प्रारंभिक परिणामों में कुछ नमूनों में चिकनगुनिया वायरस का पता चला है, लेकिन अभी तक कोई अन्य वायरस नहीं मिला है।”
वहीं डॉ. कश्यप ने जोर देते हुए कहा कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये मौतें चिकनगुनिया के कारण हुई हैं। उन्होंंने कहा कि कुछ के परिणाम अभी आने बाकी हैं।
डॉ. कश्यप ने कहा, ”हमारी टीम ने जांच के लिए गांव से मच्छरों के लार्वा एकत्रित किए हैं। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने व्यक्ति को उच्च चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए एंबुलेंस को तैयार रखा गया है।”
मानसून सीजन में बिहार में डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के कारण अब तक चार मौतें हुई हैं। अररिया को छोड़कर राज्य में चिकनगुनिया के मामले सामने नहीं आए।
वहीं स्थानीय और पटना स्वास्थ्य विभाग की टीमें चिकनगुनिया और अन्य संभावित कारणों की जांच के लिए हाई अलर्ट पर हैं।