नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। ग्लोबल वेंचर कैपिटल (वीसी) फर्म एक्सेल ने सोमवार को कहा कि कंपनी ने 650 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है। कंपनी इसका उपयोग भारत और दक्षिण एशिया में अगली पीढ़ी के संस्थापकों को सपोर्ट करने के लिए करेगी।
एक्सेल का नया फंड, जो भारत और एसईए में आठवां है, प्रारंभिक चरण के संस्थापकों के साथ साझेदारी करने की अपनी प्रतिबद्धता पर आधारित होगा, जिससे कुछ अलग और श्रेणी को परिभाषित करने वाले व्यवसायों का निर्माण किया जा सके।
वीसी फर्म ने कहा कि वह एआई, उपभोक्ता ब्रांड, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की स्टार्टअप कंपनियों के संस्थापकों के साथ साझेदारी करना जारी रखेगी।
मौजूदा समय में विश्व स्तर पर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2024 में 2,700 डॉलर से 60 प्रतिशत बढ़कर 2029 तक 4,300 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
वीसी फर्म के अनुसार, भारत की कंजप्शन स्टोरी मजबूत रहने की उम्मीद है और सार्वजनिक एवं डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश से लंबे समय तक आर्थिक वृद्धि जारी रहेगी।
एक्सेल के पार्टनर प्रयांक स्वरूप ने कहा, “भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। अगले दशक में हम अपने जीडीपी में अपने आर्थिक इतिहास की तुलना में अधिक जोड़ने के लिए तैयार हैं। भारतीय संस्थापकों के लिए बड़े पैमाने पर प्रभाव डालने वाले व्यवसायों का निर्माण और विस्तार करने के अवसर का क्षेत्र बहुत बड़ा है।”
स्वरूप ने कहा, “इस नए फंड के साथ, हम एआई, उपभोक्ता, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जो उद्योगों को नया आकार दे रहे हैं और तेजी से विकसित हो रहे बाजार की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।”
भारत के पब्लिक मार्केट पिछले 10 वर्षों में 3 गुना बढ़ गए हैं, वीसी-समर्थित कंपनियां बाजार पूंजीकरण के 5 प्रतिशत से भी कम का प्रतिनिधित्व करती हैं।
पब्लिक मार्केट ने टेक्नोलॉजी आधारित बिजनेस को शुरू कर दिया है। हाल ही में लिस्ट हुई ब्लैकबक और स्विगी से यह साबित हुई है। एक्सेल इन दोनों कंपनियों में शुरुआती निवेशक था।
एक्सेल ने अमागी, एको, ब्लैकबक, ब्लूस्टोन, ब्राउजरस्टैक, कल्ट.फिट, फ्लिपकार्ट, फ्रेशवर्क्स, स्विगी, अर्बन कंपनी और जेटवर्क जैसे क्षेत्रों की कंपनियों में पर्याप्त निवेश किया है।
एक्सेल के पार्टनर शेखर किरानी के अनुसार, “भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम देश की आर्थिक प्रगति के पीछे तेजी से प्रेरक शक्ति बन रहा है, जिसमें वीसी-समर्थित कंपनियों का सार्वजनिक बाजार पूंजीकरण 50 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।”