गुजरात में विश्‍व शौचालय दिवस पर जागरूकता अभियान

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अहमदाबाद, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत पूरे गुजरात में ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ अभियान सामुदायिक और घरेलू शौचालयों का कायाकल्‍प कर रहा है। इसके साथ ही स्‍वच्‍छता जागरूकता को भी बढ़ावा दे रहा है।

विश्‍व शौचालय दिवस के अवसर पर गांवों में सभी सामुदायिक और घरेलू शौचालयों की मरम्मत, सफाई और फिर से रंग-रोगन का काम किया जा रहा है। इसके अलावा, दीवारों पर साफ-सफाई और शौचालय के जिम्‍मेदार उपयोग के संदेश फैलाने के लिए जीवंत दीवार कला का उपयोग किया गया।

इस अभियान में ग्राम पंचायतों, सफाई समितियों और स्‍थानीय स्‍वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। टूटी हुई टाइलें, खराब दरवाजे, नल और ड्रेनेज सिस्टम ठीक किए गए, जबकि कचरा फेंकने के इंतजाम और आस-पास के इलाकों की सफाई को मजबूत किया गया।

मोरबी (जुनाडा सादुलका, बदनपार, विरवाव), वलसाड (बरई, फांसा, विरवल, पालन), और अहमदाबाद और सुरेंद्रनगर जैसे जिलों में गांववालों के लिए सुरक्षित और साफ जगह बनाने के लिए टॉयलेट को फिर से रंग-रोगन कर नया बनाया गया। ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ थीम के तहत लोगों को नियमित शौचालय के उपयोग, उसकी देखभाल, हाथ धोने की आदतों और सामुदायिक स्‍वच्‍छता के प्रति पूरी जिम्मेदारी के बारे में बताया गया। कई गांवों में सफाई की शपथ, प्रतियोगिताएं और जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की गईं।

अधिकारियों ने कहा कि विश्‍व शौचालय दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सबकी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि टॉयलेट तक पहुंच पक्का करना बहुत जरूरी है, लेकिन उनका रखरखाव भी उतना ही जरूरी है।

उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान ग्रामीण समुदायों को सफाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से जगाने और सफाई की संस्‍कृति अपनाने में मदद कर रहा है। भारत ने पिछले दस साल में शौचालय निर्माण में बड़ी तरक्की की है, जिसका मुख्‍य कारण सरकार का प्रमुख स्वच्छ भारत मिशन है। इसका उद्देश्‍य लाखों घरों में शौचालय और सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण में मदद करके और गांव व शहरी दोनों क्षेत्रों में सफाई की पहुंच सुनिश्चित करके खुले में शौच को समाप्‍त करना है।

शौचालय निर्माण के साथ-साथ सरकार ने व्यवहार परिवर्तन अभियान, नियमित रखरखाव, अपशिष्‍ट प्रबंधन और गांव की स्वच्छता इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने पर ध्यान दिया है।

जागरूकता अभियानों, पंचायतों को फंड और ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ जैसी पहल के जरिए, सरकार साफ-सफाई की आदतों को मजबूत कर रही है। इसके अलावा, यह शौचालयों के स्‍थायी उपयोग को बढ़ावा देने और पूरे भारत में सार्वभौमिक स्‍वच्‍छता व बेहतर सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के दीर्घकालिक लक्ष्‍यों की ओर बढ़ने का प्रयास कर रही है।