गुटेरेस को आशंका ट्रेड वॉर से आएगी मंदी

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संयुक्त राष्ट्र, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। ट्रेड वॉर से पैदा होने वाली मंदी के खतरों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इसके दुष्परिणाम गरीबों को झेलने पड़ेंगे।

उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा “पारस्परिक टैरिफ” लागू करने से कुछ घंटे पहले कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे यहां मंदी नहीं आएगी, क्योंकि मंदी के गंभीर परिणाम होंगे, खासकर दुनिया के सबसे गरीब लोगों के लिए।”

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “ट्रेड वॉर बहुत नुकसानदायक होते हैं। इसमें कोई भी नहीं जीतता, सभी हारते हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं खासकर सबसे कमजोर विकासशील देशों को लेकर चिंतित हूं, क्योंकि इसका असर उन पर ज्यादा बुरा होगा।”

ट्रंप ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो बुधवार आधी रात से लागू होगा। इसके जवाब में बीजिंग ने 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) ने कहा कि “व्यापार में सुधार की जरूरत साफ नजर आ रही है।”

यूएनसीटीएडी की महासचिव रेबेका ग्रिनस्पैन ने कहा, “वैश्विक व्यापार नियमों को आज की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बदला जाना चाहिए, लेकिन इन बदलावों में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे सबसे कमजोर लोगों की रक्षा करें और विकास को बढ़ावा दें।”

उन्होंने कहा, “यह एकजुट होने का समय है, न कि तनाव बढ़ाने का।”

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की उप महानिदेशक एंजेला एलार्ड ने कहा कि संगठन के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि अमेरिका और अन्य देशों द्वारा हाल में उठाए गए टैरिफ उपायों से इस वर्ष वैश्विक वस्तु व्यापार में लगभग एक प्रतिशत की कमी आ सकती है।

यह तीन प्रतिशत की वृद्धि के पूर्व अनुमान से लगभग चार प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट होगी।

एलार्ड ने कहा कि “डब्ल्यूटीओ प्रणाली को कमजोर करने के प्रयासों के बावजूद, अभी भी वैश्विक व्यापार का 74 प्रतिशत डब्ल्यूटीओ के सर्वाधिक-तरजीही-राष्ट्र (एमएफएन) शर्तों के तहत होता है।”

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि विश्व व्यापार संगठन प्रासंगिक बना हुआ है और बहुपक्षीय प्रणाली प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है।

विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, चीन और कनाडा ने पहले ही अमेरिका के साथ अपने विवादों को उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के ढांचे के तहत परामर्श की मांग की है, जिससे दोनों पक्षों को आपस में बातचीत करने का मौका मिलेगा और मुकदमा करने से बचने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा।

यदि ऐसा करने पर भी सफलता नहीं मिली तो वे एक पैनल द्वारा निर्णय का अनुरोध कर सकते हैं।