हनुमान ध्वज विवाद के बाद हरे झंडों पर आपत्ति बढ़ने से कर्नाटक सरकार मुश्किल में

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बेंगलुरु, 31 जनवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक के मांड्या जिले में एक सार्वजनिक स्थान से हनुमान ध्वज हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर लगे हरे झंडों को हटाने की मांग उठने लगी है। घटनाक्रम को लेकर कर्नाटक सरकार चिंतित है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्ट में शशांक जेएस नाम के शख्स ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से सवाल किया, ”बेंगलुरु शहर के चामराजपेट विधानसभा क्षेत्र में जेजे नगर पुलिस स्टेशन के सामने हरा झंडा क्यों था?”

पोस्ट में उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र और भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को भी टैग किया। बेंगलुरु के शिवाजीनगर के चांदनी चौक पर हरा झंडा फहराए जाने पर भाजपा के राज्य नेताओं ने भी आपत्ति जताई। झंडे की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।

एक अन्य सोशल मीडिया यूजर विकास विक्की ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कांग्रेस नेताओं से पूछा कि वे बताएं कि हरा रंग किस धर्म का है। क्या आपके पास हरे रंग के झंडे हटाने की क्षमता नहीं है? आपका अत्याचार केवल हिंदू ग्रामीणों पर है।

भाजपा विधायक यतनाल ने पुलिस विभाग को अवगत करते हुए सार्वजनिक स्थान पर दुश्मन देश के रंग वाले झंडे को फहराने की आलोचना करते हुए इसे ध्वज दिशानिर्देशों के नियमों के खिलाफ बताया। शिवाजी नगर इलाका भारत में स्थित है, पाकिस्तान में नहीं।

विरोध के बाद पुलिस ने चांदनी चौक से हरा झंडा हटा दिया और वहां तिरंगा फहरा दिया। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि नेता इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि अगर राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों से धार्मिक झंडे हटाने की मांग आने लगे तो क्या किया जाना चाहिए।

मांड्या जिले के केरागोडु गांव में 108 फीट ऊंचे ध्वज स्तंभ से हनुमान ध्वज को हटाने से राज्य में एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप सत्तारूढ़ कांग्रेस, विपक्षी भाजपा और जद-एस के बीच एक बड़ा टकराव हुआ है।

जहां भाजपा ने बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू किया, वहीं कर्नाटक विश्व हिंदू परिषद इकाई ने घोषणा की है कि वह राज्य में हनुमान ध्वज अभियान शुरू करेगी और राज्य की हर सड़क और घर पर भगवा झंडे फहराए जाएंगे।