पीएम मोदी के कन्याकुमारी दौरे को लेकर पुलिस ने कसी कमर

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चेन्नई, 29 मई (आईएएनएस)। कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर तमिलनाडु पुलिस ने कमर कस ली है। पुलिस ने इसके चलते वहां भारी पुलिस बल की तैनाती की बात कही है।

प्रधानमंत्री 30 मई, 31 मई और 1 जून को विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान करेंगे। वे गुरुवार को शाम 4.45 बजे तिरुवनंतपुरम से हेलीकॉप्टर से कन्याकुमारी पहुंचेंगे और 1 जून को दोपहर 3.25 बजे तिरुवनंतपुरम लौटेंगे। वहां से वह नई दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।

तिरुनेलवेली रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रवेश कुमार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पीएम के दौरे के लिए वहां तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।

इस बीच तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थागई ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल के प्रधानमंत्री के दौरे का कड़ा विरोध किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सेल्वापेरुन्थागई ने कहा, “भारतीय निर्वाचन आयोग को ऐसे कार्यक्रम की अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योंकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार आदर्श आचार संहिता लागू है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी अपने तीन दिवसीय ध्यान के जरिए मौन अभियान चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”पार्टी इस संबंध में चुनाव आयोग को एक पत्र भेजेगी और यदि आवश्यक हुआ तो इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी।”

कन्याकुमारी वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे। इसी शिला का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा था। लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में खास स्थान रखता है। वह देश भर में घूमने के बाद यहां पहुंचे और तीन दिन तक ध्यान किया और ‘विकसित भारत’ का सपना देखा।

स्वामी विवेकानंद के ध्यान स्थल पर पीएम मोदी के ध्यान करने की योजना ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को जीवन में उतारने के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वही स्थान है, जहां धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी।

यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके अलावा, यह वही स्थान है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संदेश देना चाहते हैं।