कोच्चि/तिरुवनंतपुरम, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोच्चि के पास पल्लूरुथी स्थित सेंट रीटा हाई स्कूल की प्रधानाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि अगर छात्रा वापस आने का फैसला करती है तो शैक्षणिक संस्थान उसका तहे दिल से स्वागत करेगा।
पिछले सप्ताह यह स्कूल विवाद के केंद्र में था, जब आठवीं कक्षा की एक छात्रा के पिता ने इस बात पर चिंता जताई थी कि उनकी बेटी को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई।
निजी स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों ने कहा कि यह उनके नियमों के विरुद्ध है। मामला तब और बिगड़ गया जब राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने जिला शिक्षा अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी।
छात्रा के पिता नियमों का पालन करने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन मंत्री के सख्त बयान के कारण छात्रा वापस नहीं लौटी।
सूत्रों ने बताया कि लड़की के माता-पिता अपनी बेटी को वापस भेजने में रुचि नहीं हैं।
शुक्रवार को राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने स्कूल प्रबंधन द्वारा स्थिति से निपटने के तरीके की कड़ी आलोचना की तथा उस पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आगे उकसावे के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, “सरकार पर जानबूझकर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है। प्रबंधन को राज्य को चुनौती देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”
उन्होंने आगे उकसावे के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाब देना होगा।
शिवनकुट्टी के बयान के तुरंत बाद स्कूल की प्रधानाचार्या ने मीडिया को बताया कि वह उच्च न्यायालय और उनके कानूनी विशेषज्ञ को मदद के लिए धन्यवाद देना चाहती हैं।
प्रधानाचार्य ने कहा, “हम शिक्षा मंत्री का भी धन्यवाद करना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य अपने छात्रों का उत्थान करना है। हम एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन का भी धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया और हमारे विधायक के. बाबू, शॉन जॉर्ज (भाजपा नेता) का भी, जो इस मुद्दे के सामने आने पर हमारे पास आए।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर छात्रा वापस आती है, तो हम सभी तहे दिल से उसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं और आशा करते हैं कि सब कुछ अच्छा ही होगा। हम भारत और केरल की संस्कृति को बनाए रखने के लिए भारतीय शिक्षा पद्धति प्रदान करते हैं। पाठ्यक्रम के अलावा हम अपने छात्रों को मानवीय मूल्य और मानवता का महत्व भी सिखाते हैं। हम उन्हें पर्यावरण संरक्षण भी सिखाते हैं।”
प्रधानाचार्य ने कहा, “न्यायालय के समक्ष कुछ मुद्दे हैं और इसलिए हम हमेशा कानूनी प्रणाली और सरकार का सम्मान करेंगे।”
–आईएएनएस
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