नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित श्री प्रियाकान्त जू मंदिर में गुरुवार को हाइड्रोलिक होली खेली जाएगी।
देश में होली की धूम है। 13 मार्च को होलिका दहन है। मथुरा वृंदावन में बसंत पंचमी के बाद से ही रंग-अबीर-गुलाल से लोग होली मना रहे हैं। वहीं श्री प्रियाकांत जू मंदिर में लड्डू-जलेबी होली, रसिया होली, लट्ठमार होली, छड्डीमार होली और गुलाल होली के बाद आज प्रमुख धार्मिक नेता देवकीनंदन महाराज हाइड्रोलिक पिचकारी का उपयोग करके भक्तों पर रंगों की वर्षा करेंगे, जो इस मंदिर में होली उत्सव की एक विशेष विशेषता बन गई है।
मंदिर के अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम के लिए रंग प्राकृतिक टेसू के फूलों से तैयार किए गए हैं, ताकि पर्यावरण के अनुकूल उत्सव सुनिश्चित किया जा सके।
विगत आठ दिनों से श्री प्रियाकांत जू मंदिर में होली खेली जा रही है। मंदिर में होली उत्सव की शुरुआत विश्व शांति प्रार्थना और श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ के साथ हुई। कार्यक्रम के पहले दिन प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया, जिसमें हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज और सत्यमित्रानंद महाराज शामिल थे, जिन्होंने व्यासपीठ पूजन किया और भक्तों को संबोधित किया।
अपने प्रवचन में देवकीनंदन महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा को ईमानदारी से सुनने के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि इसे केवल मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव के रूप में देखा जाना चाहिए।
मंदिर सचिव विजय शर्मा ने बताया कि गुरुवार को होलिका दहन के दिन, आगंतुकों को विभिन्न प्रकार की पारंपरिक होली का अनुभव होगा, जिसमें उन्हें ब्रज की संपूर्ण होली परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी।
इस उत्सव में भक्ति, मौज-मस्ती और सामुदायिक भावना का अनूठा मिश्रण होने की उम्मीद है, क्योंकि भक्त इस आनंदमय उत्सव में भाग लेंगे।
श्री प्रियकांत जू मंदिर में इस साल की होली सभी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होने का वादा करती है, जिसमें आध्यात्मिक अनुष्ठानों को भारत के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक की जीवंतता के साथ जोड़ा जाएगा।