नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। युवा भारतीय शटलर तनिषा क्रास्ता ने खुलासा किया है कि उन्होंने 35 वर्षीय एश्विनी पोनप्पा के साथ युगल जोड़ी बनाने की प्रतिबद्धता जताई है, जब तक कि वह बैडमिंटन खेलना जारी रखती हैं। तनीषा और अश्विनी ने हाल ही में गुवाहाटी मास्टर्स सुपर 100 बैडमिंटन टूर्नामेंट में महिला डबल्स का खिताब फिर से जीत लिया। यह उनका पेरिस ओलंपिक के बाद दूसरा टूर्नामेंट था। इस जोड़ी ने सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल के सेमीफाइनल तक भी सफर तय किया।
तनीषा मिक्स्ड डबल्स में भी ध्यान दे रही हैं और ध्रुव कपिला के साथ उनकी जोड़ी जम रही है। दोनों ने पिछले साल सैयद मोदी टूर्नामेंट से साथ खेलना शुरू किया और इस बार फिर उसी टूर्नामेंट में सेमीफाइनल तक पहुंचे।
आने वाले टूर्नामेंट की योजना के बारे में तनीषा ने आईएएनएस से बताया, “अभी मैंने मिक्स्ड डबल्स शुरू किया है और ज्यादा उम्मीद नहीं रख रही हूं क्योंकि हाल ही में ध्रुव के टखने में गंभीर चोट लगी थी। उन्होंने सैयद मोदी से पहले ही ठीक होकर वापसी की। हालांकि, हमने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें अभी और आराम की जरूरत है, इसलिए मैं ज्यादा दूर तक नहीं सोच रही हूं। फिलहाल जनवरी के टूर्नामेंट पर ध्यान दे रहे हैं। हमें सुपर 1000, 750 और 500 टूर्नामेंट्स में एंट्री मिली है। ये हमारे लिए रैंकिंग सुधारने और पॉइंट्स कमाने का अच्छा मौका है। इसके बाद हम मार्च/अप्रैल में होने वाले ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट पर ध्यान देंगे।”
अश्विनी के साथ अपनी जोड़ी पर तनीषा ने कहा, “महिला डबल्स में, मैं अभी नहीं जानती कि अश्विनी कब तक खेलेंगी, लेकिन मैंने वादा किया है कि जब तक वह खेलेंगी, मैं उनके साथ रहूंगी। हम नतीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे, बस मजे से बैडमिंटन खेलेंगे। अश्विनी के साथ मेरी साझेदारी बहुत खास है। अब तक मेरी सबसे बेहतरीन पार्टनरशिप उन्हीं के साथ रही है। पूरे साल हमने बहुत कुछ सीखा, एक जोड़ी के रूप में और व्यक्तिगत रूप से भी। हमारी जोड़ी में कभी सीनियर-जूनियर जैसा कुछ महसूस नहीं हुआ। हम एक-दूसरे का बराबर सम्मान करते हैं। निश्चित तौर पर उनके पास काफी अनुभव है। मैं मैच के दौरान उनकी सलाह लेना पसंद करती हूं। लेकिन कई बार जब मुझे कोर्ट पर कोई बात सही लगती है, तो वह उसे पूरी तरह से मानती हैं। ये आपसी समझ हमारी साझेदारी को खास बनाती है।”
तनीषा ने इस साल पेरिस ओलंपिक में अपनी शुरुआत की थी और महिला डबल्स में अश्विनी के साथ खेला था। यह अश्विनी का तीसरा ओलंपिक था। 21 वर्षीय तनीषा ने इस अनुभव को सीखने और आगे बढ़ने का एक बड़ा मौका बताया।
ओलंपिक के अनुभव पर उन्होंने कहा, “यह बहुत शानदार अनुभव था। पहली बार में ही ओलंपिक तक पहुंचना मेरे लिए बड़ी बात थी। ऊंची रैंकिंग वाले खिलाड़ियों के खिलाफ खेलकर हमें अच्छा अनुभव मिला, जिससे भविष्य में उनसे फिर खेलने का मौका मिला। हमने हर मैच का पूरा आनंद लिया और पूरी ताकत से खेले। हम और आगे तक खेलना चाहते थे, लेकिन हमने जैसा खेला, उससे खुश हैं।”