नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025’ में मुख्य भाषण दिया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अटूट गति और तेजी से विकसित हो रहे विश्व में आशा की किरण के रूप में उसकी भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एनडीटीवी वर्ल्ड समिट उत्सव के माहौल में आयोजित हो रहा है। उन्होंने सत्र के विषय “अजेय भारत” की सराहना की और कहा कि यह बिल्कुल उपयुक्त है, क्योंकि आज भारत रुकने के मूड में नहीं है। भारत न रुकेगा, न थमेगा, 140 करोड़ भारतीय एक साथ मिलकर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विविध बाधाओं और गतिरोधकों का सामना कर रहे विश्व में अजेय भारत पर चर्चा स्वाभाविक और सामयिक दोनों है। उन्होंने इस विषय को ग्यारह वर्ष पूर्व और वर्तमान की स्थिति के संदर्भ में रखने का प्रयास किया।
2014 से पहले के दौर को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय ऐसे शिखर सम्मेलनों में होने वाली चर्चाओं की प्रकृति पर प्रकाश डाला। जैसे भारत वैश्विक चुनौतियों का सामना कैसे करेगा, वह नाजुक पांच समूह से कैसे बाहर निकलेगा, देश कब तक नीतिगत निष्क्रियता में फंसा रहेगा और बड़े पैमाने पर घोटालों का दौर कब समाप्त होगा।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं व्यापक थीं और आतंकवादी स्लीपर सेल के अनियंत्रित प्रसार के बारे में खुलासे चर्चा में छाए रहते थे। महंगाई पर विलाप करने वाले गीत, जैसे कि ‘महंगाई डायन खाए जा रही है’ आम तौर पर सुने जाते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 सालों में भारत ने हर शक को तोड़ा और हर चुनौती पर जीत हासिल की। भारत ‘कमजोर पांच देशों’ से निकलकर दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया। महंगाई 2 फीसदी से कम है, और विकास दर 7 फीसदी से ज्यादा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चिप्स से लेकर जहाज तक ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आत्मविश्वास हर क्षेत्र में दिखता है। अब भारत आतंकी हमलों पर चुप नहीं रहता, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक, हवाई हमले और ‘सिंदूर’ जैसे ऑपरेशनों से जवाब देता है।
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के समय को याद करने को कहा, जब दुनिया जीवन-मृत्यु के संकट में थी। लोग सोच रहे थे कि इतनी बड़ी आबादी वाला भारत इस संकट से कैसे बचेगा। भारत ने सभी आशंकाओं को गलत साबित किया। भारत ने तेजी से अपनी वैक्सीन बनाई, रिकॉर्ड समय में टीकाकरण किया और सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनकर उभरा।
उन्होंने कहा कि कोविड का असर खत्म होने से पहले ही दुनिया में कई जगह युद्ध की खबरें आने लगीं। फिर से भारत की प्रगति पर सवाल उठे। भारत ने एक बार फिर सभी आशंकाओं को गलत साबित किया और 7.8 फीसदी की औसत विकास दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहा। दो दिन पहले जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत के माल निर्यात में पिछले साल की तुलना में करीब 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में गूगल ने भारत के एआई सेक्टर में 15 अरब डॉलर के बड़े निवेश की घोषणा की। इसके अलावा, हरित ऊर्जा और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों में भी बड़े निवेश हो रहे हैं। भारत की आज की प्रगति दुनिया के लिए नए अवसर बना रही है। उन्होंने हाल ही में हुए ईएफटीए व्यापार समझौते का उदाहरण दिया, जिसमें यूरोपीय देशों ने भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। इससे बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होंगी।
पीएम मोदी ने अपने करीबी दोस्त, यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के हाल के दौरे का जिक्र किया, जो अब तक की सबसे बड़ी व्यापारिक डेलीगेशन के साथ आए थे। यह दिखाता है कि दुनिया भारत में कितने बड़े अवसर देख रही है। उन्होंने बताया कि भारत का जी-7 देशों के साथ व्यापार 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है।
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा, “दुनिया अब भारत को भरोसेमंद, जिम्मेदार और मजबूत साझेदार मानती है। इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों, ऑटोमोबाइल और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश की बाढ़ आ रही है, जिससे भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र बन रहा है।”
उन्होंने कहा कि समिट का विषय ‘एज ऑफ द अननोन’ दुनिया के लिए अनिश्चितता हो सकता है, लेकिन भारत के लिए यह अवसरों का द्वार है। सदियों से भारत ने अनजान रास्तों पर चलने का साहस दिखाया है। चाहे तकनीक, महामारी के दौरान वैक्सीन विकास, कुशल जनशक्ति, फिनटेक या हरित ऊर्जा हो, भारत ने हर जोखिम को सुधार में, सुधार को मजबूती में और मजबूती को क्रांति में बदला है।
पीएम ने हाल ही में आईएमएफ प्रमुख की टिप्पणी का जिक्र किया, जिन्होंने भारत के सुधारों की हिम्मत की तारीफ की।
प्रधानमंत्री ने 60 वर्षों तक शासन करने वाली विपक्षी पार्टी की आलोचना की और कहा कि वह लगातार नीतियों और प्रक्रियाओं के नौकरशाहीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसके विपरीत, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले ग्यारह वर्षों में उनकी सरकार ने नीतियों और प्रक्रियाओं, दोनों के लोकतंत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है, जो एक अजेय भारत के उदय का एक महत्वपूर्ण कारक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में अब एक ऐसी सरकार है, जो गरीबों और वंचितों की सेवा के लिए समर्पित है, पिछड़े समुदायों को प्राथमिकता दे रही है और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रमुख चर्चाओं में अक्सर ऐसे प्रयासों पर ध्यान नहीं दिया जाता।
उदाहरण के तौर पर, उन्होंने बीएसएनएल के हाल ही में लॉन्च किए गए मेड-इन-इंडिया 4जी स्टैक का हवाला दिया और इसे एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उपलब्धि बताया। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि भारत अब स्वदेशी रूप से विकसित 4जी स्टैक वाले दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। बीएसएनएल, जो कभी विपक्ष द्वारा उपेक्षित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी थी, अब नए मुकाम हासिल कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि 4जी स्टैक के लॉन्च के साथ ही बीएसएनएल ने उसी दिन लगभग एक लाख 4जी मोबाइल टावरों को सक्रिय किया। परिणामस्वरूप, दूरदराज के जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग, जो पहले हाईस्पीड इंटरनेट से अछूते थे, अब तीव्र इंटरनेट सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2014 से पहले, 1 जीबी डेटा की कीमत 300 रुपए थी, जबकि अब इसकी कीमत केवल 10 रुपए है, जिससे प्रत्येक भारतीय को सालाना हजारों रुपए की बचत हो रही है। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने बताया कि गरीब मरीजों ने 1.25 लाख करोड़ रुपए की बचत की है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर दवाइयां 80 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध हैं, जिससे लगभग 40,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। इसके अतिरिक्त, स्टेंट की कम कीमतों से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को सालाना 12,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने आयकर और जीएसटी दोनों में महत्वपूर्ण कटौती पर प्रकाश डाला और कहा कि इस वर्ष 12 लाख रुपए तक की आय को कर-मुक्त कर दिया गया है।