नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। भारत 2024 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में वॉल्यूम के हिसाब से सबसे बड़ा हेल्थकेयर प्राइवेट इक्विटी (पीई) बाजार बनकर उभरा है। देश की इस क्षेत्र के कुल डील वॉल्यूम में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
बैन एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत डीलमेकिंग के लिए चीन के लिए एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभर रहा है, क्योंकि इसका मध्यम वर्ग हेल्थकेयर की मांग को बढ़ावा दे रहा है।
निवेशकों ने भारत पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। एडवेंट इंटरनेशनल द्वारा बीएसवी ग्रुप को मैनकाइंड फार्मा को 1.6 बिलियन डॉलर में बेचने जैसे मजबूत रिटर्न के साथ सफल पीई एग्जिट ने भी भारत के बायआउट बाजार को वैलिडेट किया है, जिससे यह भविष्य के निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है।
भारत की मजबूत वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है, 2028 तक स्वास्थ्य सेवा खर्च बढ़कर 320 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
बैन एंड कंपनी के पार्टनर और इंडिया हेल्थकेयर प्रैक्टिस के लीडर ध्रुव सुखरानी ने कहा, “पिछले दो वर्षों में, प्रोवाइडर स्पेस में महत्वपूर्ण रुचि देखी गई है, जिसमें फंड्स ने खासकर इस क्षेत्र में एक्जिट के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, प्लेटफॉर्म के निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए मजबूत इच्छा दिखाई है।
कंसोलिडेशन के लिए महत्वपूर्ण अवसर जारी है। कई फंड हेल्थकेयर में अपना एक्सपोजर बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा, भारत ने लगातार अनुकूल रिटर्न दिया है और आईपीओ, रणनीतिक अधिग्रहण और प्रायोजक-से-प्रायोजक सौदों के जरिए से पीई फर्मों के लिए कई सफल निकास सक्षम किए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड, अनुकूल व्यापक आर्थिक स्थितियों और विविध स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य के साथ, भारत पीई फर्मों के लिए एक प्रमुख निवेश स्थान बना रहेगा।