असुनसियन, 15 नवंबर (आईएएनएस)। भारत और पैराग्वे ने पैराग्वे की राजधानी असुनसियन में संयुक्त आयोग तंत्र (जेसीएम) की पहली बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को बताया कि बैठक की सह-अध्यक्षता पराग्वे सरकार की ओर से वहां के उप विदेश मंत्री, राजदूत विक्टर वर्दुन और भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पेरियासामी कुमारन ने की।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस की हालिया भारत राजकीय यात्रा से प्रेरित द्विपक्षीय संबंधों में आई नई गतिशीलता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति पेना का ये दौरा राजनीतिक संवाद को मजबूत करने और साझा हितों के विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “बैठक के दौरान, द्विपक्षीय एजेंडे के मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें राजनीतिक और आर्थिक संबंध, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश, नागरिक उड्डयन, पर्यटन, अंतरिक्ष, सतत विकास और जल संसाधन में सहयोग शामिल हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मंचों और संगठनों में सहयोग सहित साझा हितों के बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।”
बयान में आगे कहा गया कि दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने, व्यापार को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में बहुआयामी साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ द्विपक्षीय समझौतों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के महत्व पर सहमत हुए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान खेती, नवीकरणीय ऊर्जा (खासतौर से सौर), जैव ईंधन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियां, साइबर सेक्योरिटी, पब्लिक हेल्थ, शिक्षा एवं टेक्निकल ट्रेनिंग, नागरिक उड्डयन, बुनियादी ढांचा, रेलवे, जल प्रबंधन एवं सहयोग, सतत विकास, और अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्रों को प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
इसके साथ ही दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक स्तरों पर समन्वित प्रयासों के माध्यम से आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। उन्होंने पारस्परिक लाभ के लिए सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की इच्छा भी व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “पैराग्वे ने भारत और मर्कोसुर सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने की अपनी इच्छा दोहराई और याद दिलाया कि जून 2025 में राष्ट्रपति सैंटियागो पेना की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान, दोनों सरकारों ने मर्कोसुर-भारत अधिमान्य व्यापार समझौते के ढांचे के भीतर वाणिज्यिक संबंधों को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।”
वहीं अगली बैठक में नई दिल्ली में दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति से तय की जाने वाली तारीख पर आयोजित किए जाने पर भी सहमति बनी।

