केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ विजन के तहत अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर दिया जोर

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ के विजन के तहत अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल 80वें संयुक्त राष्ट्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए, जहां अपने संबोधन में उन्होंने वैश्विक शांति और विकास को बढ़ावा देने में संयुक्त राष्ट्र की अहम भूमिका पर जोर दिया।

अपने संबोधन में उन्होंने संघर्षों को रोकने, अंतरराष्ट्रीय कानूनों को बढ़ावा देने और विकास की दौड़ में पीछे रह गए देशों को आगे बढ़ने में मदद के लिए यूएन के योगदान पर प्रकाश डाला।

उन्होंने भारत को लेकर कहा कि देश शांति, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने के लिए यूनाइटेड नेशंस के साथ मिलकर काम करता रहेगा। केंद्रीय मंत्री ने चुनौतियों से निपटने के लिए साझा वैश्विक जिम्मेदारी और सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

ऑफिस ऑफ मनोहर लाल की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के विस्तार की तुरंत जरूरत पर भी जोर दिया, ताकि इसे और अधिक प्रतिनिधि, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि दुनिया की 16 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले देश, चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति होने के नाते भारत काउंसिल में एक परमानेंट सीट का हकदार है।

इसी बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 80वें संयुक्त राष्ट्र दिवस पर एक पोस्टल स्टैप्म लॉन्च किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “नई दिल्ली में यूएन की 80वीं सालगिरह पर एक यादगार पोस्टल स्टैम्प लॉन्च कर बेहद खुशी हुई। यादगार स्टैम्प को डिजाइन करने के लिए ओपन कॉम्पिटिशन को सफलतापूर्वक ऑर्गनाइज करने के लिए इंडिया पोस्ट ऑफिस को बधाई।”

विदेश मंत्री ने स्टैम्प को लेकर कहा कि यह स्टैम्प सही मायने में इस संघर्ष के दौर में शांति की जरूरत को दिखाता है।

उन्होंने ग्लोबल साउथ की उम्मीदों और आकांक्षाओं को दिखाने वाले रिफॉर्म्ड मल्टीलेटरलिज्म की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही, यूएन के आदर्शों और अधिक इंटरनेशनल सहयोग के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।