भारत का जीएसटी संग्रह अगस्त में 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपए हुआ

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नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 6.5 प्रतिशत बढ़कर 1.86 लाख रुपए हो गया, यह जानकारी सोमवार को सरकार की ओर से दी गई।

जीएसटी संग्रह में तेजी से इजाफा हो रहा है और यह लगातार आठवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.8 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े से ऊपर बना हुआ है, जो देश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है।

अगस्त में सकल घरेलू राजस्व 9.6 प्रतिशत बढ़कर 1.37 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि आयात से टैक्स 1.2 प्रतिशत घटकर 49,354 करोड़ रुपए रह गया। जीएसटी रिफंड सालाना आधार पर 20 प्रतिशत घटकर 19,359 करोड़ रुपए रह गया।

अगस्त 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.67 लाख करोड़ रुपए रहा, जो सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत अधिक है।

ये आंकड़े केंद्र और राज्यों की जीएसटी परिषद की बैठक से ठीक पहले जारी किए गए हैं।

जीएसटी परिषद की बैठक 3-4 सितंबर को प्रस्तावित है।

जीएसटी परिषद ज्यादातर वस्तुओं पर 5 और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय जीएसटी दरें लागू करने पर विचार-विमर्श करेगी, जबकि इस युक्तिकरण प्रक्रिया के तहत सिगरेट, तंबाकू और मीठे पेय पदार्थों जैसी हानिकारक वस्तुओं पर 40 प्रतिशत का अलग से हाई टैक्स लगाया जाएगा।

हाल के महीनों में जीएसटी संग्रह में तेजी से वृद्धि ने देश की राजकोषीय स्थिति और व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचों को मजबूत करने में मदद की है, जिससे स्थिर विकास सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

इसके अतिरिक्त, वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सलाहकार फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के आधार पर 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को बढ़ा दिया है और उम्मीद जताई है कि जीएसटी में आगामी कटौती से घरेलू मांग बढ़ेगी, जो अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के कारण निर्यात में आई गिरावट की भरपाई कर देगी।

रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि जीएसटी दर में आगामी कटौती, आगामी त्योहारी सीजन और ग्रामीण मांग में मजबूत रुझान घरेलू उपभोग को बढ़ावा देंगे।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया, “हमारा अनुमान है कि बाहरी मांग में लगभग 50 आधार अंकों (बीपीएस) की वृद्धिशील गिरावट की भरपाई संभावित जीएसटी कटौती से हो सकती है, जिससे विकास दर में लगभग 50 बीपीएस की वृद्धि हो सकती है।”

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मॉर्गन स्टेनली ने वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर को अनुमान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।