नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के औद्योगिक विकास को दर्शाने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) नवंबर में छह महीने के उच्च स्तर 5.2 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह चालू वित्त वर्ष
(वित्त वर्ष 2024-25) के अक्टूबर में 3.5 प्रतिशत पर था।
नवंबर 2024 में दर्ज की गई औद्योगिक वृद्धि दर पिछले साल की समान अवधि में दर्ज की गई वृद्धि दर से 2.5 प्रतिशत अधिक है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर, जिसकी हिस्सेदारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में तीन-चौथाई से अधिक की है, अक्टूबर के स्तर 4.1 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2024 के दौरान 5.8 प्रतिशत हो गई है।
यह सेक्टर देश में रोजगार के अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाता है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 23 उद्योग समूहों में से 18 ने नवंबर 2023 की तुलना में नवंबर 2024 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नवंबर 2024 के लिए शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ता में 7.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ बेसिक मेटल, 37.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ विद्युत उपकरण और 12 प्रतिशत की बढ़त के साथ नॉन-मेटल मिनरल उत्पाद शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में बिजली और खनन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि दर क्रमशः 1.9 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत थी। महीने के दौरान बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन अक्टूबर में 0.9 प्रतिशत से बेहतर रहा।
नवंबर 2024 में पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन, जिसमें कारखानों में उपयोग की जाने वाली मशीनें शामिल हैं, में 9 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है जिसका भविष्य में नौकरियों और आय के सृजन पर गुणक प्रभाव पड़ता है।
नवंबर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं के उत्पादन में भी 13.1 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की उच्च उपभोक्ता मांग को दर्शाता है।