वाशिंगटन, 4 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका में अवैध आव्रजन और कानूनी कार्रवाई को सुव्यवस्थित करने के मामले में नई दिल्ली के सक्रिय रुख की सराहना की जा रही है। इस बीच एक अमेरिकी सी-17 सैन्य विमान करीब 200 अवैध प्रवासियों को लेकर मंगलवार को टेक्सास से भारत के लिए रवाना हुआ।
डोनाल्ड ट्रंप के पिछले महीने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अवैध भारतीय प्रवासियों के खिलाफ वाशिंगटन की यह पहली कार्रवाई है।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 27 जनवरी को फोन पर हुई विस्तृत चर्चा तथा प्रधानमंत्री मोदी की आगामी 13-14 फरवरी की वाशिंगटन यात्रा से पहले उठाया गया।
24 जनवरी से ग्वाटेमाला, पेरू, होंडुरास और अन्य देशों के लिए इसी तरह की निर्वासन उड़ानें रवाना हुईं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अवैध प्रवासन पर नकेल कसने की कसम खाई है जो उनके राष्ट्रपति चुनाव अभियान का मुख्य मुद्दा रहा है।
दूसरी बार पदभार संभालने के कुछ ही घंटों के भीतर, ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने और अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया था।
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने हाल ही में आईएएनएस से कहा, “नई दिल्ली यह कहने में सक्रिय रही है कि हमारे पास अवैध आव्रजन का समर्थन करने का कोई कारण नहीं है और हम अतीत की तरह उन लोगों के निर्वासन में मदद करेंगे, जिन्हें हमारे अधिकारियों ने भारतीय नागरिक के रूप में पहचाना है।”
27 जनवरी को फोन पर हुई बातचीत के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मुद्दे पर ‘वही करेगा जो सही होगा।’
इससे पहले विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने कहा था कि नई दिल्ली अमेरिका सहित विदेशों में ‘अवैध रूप से’ रह रहे भारतीय नागरिकों की ‘वैध वापसी’ के लिए तैयार है।