मुंबई, 30 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में इतालवी राजदूत एंटोनियो बार्टोली ने शनिवार को बांग्लादेश में घट रही घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रोम हमेशा सभी अल्पसंख्यकों के लिए सम्मान का पक्षधर रहा है। इतालवी राजनयिक की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत, मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील कर रहा है।
बार्टोली ने आईएएनएस से कहा, “इटली हमेशा से सभी धर्मों, खासकर अल्पसंख्यकों के प्रति पूर्ण सम्मान के पक्ष में रहा है।” उन्होंने कहा, “हम हमेशा से इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए काम करते रहे हैं, इसलिए, निश्चित रूप से, हम उम्मीद करते हैं कि इसका समाधान हो जाएगा।”
नई दिल्ली का कहना है कि वह बांग्लादेश में बढ़ती चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा की घटनाओं से चिंतित है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खतरों, उन पर हो रहे हमलों का मुद्दा लगातार और मजबूती से उठाया है। इस मामले पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
बांग्लादेश हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी सहित की गिरफ्तारी से एक बार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा केंद्र में आ गया है।
दास को 25 नवंबर को हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था और एक दिन बाद चटगांव अदालत ने देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया।
चटगांव में ही शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे हरीश चंद्र मुनसेफ लेन इलाके में तीन हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ। नारेबाजी करती भीड़ ने संतनेश्वर मातृ मंदिर, शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया।
बीडीन्यूज24.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की सैकड़ों लोगों का एक समूह मंदिरों पर टूट पड़ा, ईंट-पत्थर फेंकने लगा, शोनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वारों को नुकसान पहुंचाया गया।
मंदिर के अधिकारियों ने नुकसान की पुष्टि की इसमें टूटे हुए द्वार और अन्य नुकसान शामिल है।
कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने भी हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने जानबूझकर मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
संतानेश्वर मातृ मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य तपन दास ने कहा कि हमलावर हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारेबाजी कर रहे थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा, “हम उग्र बयानबाजी, हिंसा की बढ़ती घटनाओं और उकसावे को लेकर चिंतित हैं। इन घटनाक्रमों को केवल मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बातें कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। हम एक बार फिर बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान करते हैं।”