रूस: शिवलुच ज्वालामुखी हुआ ‘खतरनाक’, एक दिन में 3 विस्फोट

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व्लादिवोस्तोक, 8 नवंबर (आईएएनएस)। रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर शिवलुच ज्वालामुखी पिछले 24 घंटों में तीन बार फटा है। स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्वालामुखी पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया है।

तीन में से एक विस्फोट बहुत तीव्र था, जिससे 11 किलोमीटर की ऊंचाई तक राख का गुबार उठा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ज्वालामुखी विज्ञान संस्थान के अनुसार, लावा ज्वालामुखी की ढलान से लगभग 11 किलोमीटर नीचे तक फैल गया।

रूसी जियोफिजिकल सर्विस की कामचटका शाखा ने कहा, “शिवेलुच के विस्फोटों से पहले आमतौर पर भूकंपीय संकेत मिलते हैं, लेकिन हाल ही में हुए बड़े विस्फोट और एक नए विस्फोटक केंद्र के निर्माण से ज्वालामुखी के व्यवहार में बदलाव का संकेत मिलता है।” इसने चेतावनी दी कि विस्फोट शिवलुच के लिए “सामान्य नहीं” थे।

इसने कहा, “इन विस्फोटों से पहले, भूकंपीय गतिविधि पृष्ठभूमि स्तर पर थी, जिसमें केवल मामूली तापीय विसंगतियां और भाप-गैस गतिविधि थी। गतिविधि के इस नए, अधिक अस्थिर पैटर्न का मतलब है कि शिवलुच ज्यादा खतरनाक हो गया है।”

इससे पहले अगस्त में, शिवलुच ज्वालामुखी देश के पूर्वी तट पर आए 7.0 तीव्रता के भूकंप के बाद फट गया। 18 अगस्त को राज्य के स्वामित्व वाली तास समाचार एजेंसी ने रूसी विज्ञान अकादमी की सुदूर पूर्वी शाखा के ज्वालामुखी विज्ञान और भूकंप विज्ञान संस्थान का हवाला देते हुए बताया कि ज्वालामुखी से ‘राख और लावा उगलना शुरू हो गया है।’

रिपोर्ट में वैज्ञानिकों के हवाले से कहा गया है, “शिवलुच ज्वालामुखी का विस्फोट शुरू हो गया है… राख का स्तंभ समुद्र तल से 8 किलोमीटर ऊपर उठ रहा है।”