नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जाहिर की है। इसको लेकर भाजपा की ओर से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।
भाजपा ने कहा कि यह लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में गठबंधन सहयोगियों के बीच विश्वास की कमी को दर्शाता है।
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेती।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “इससे साफ पता चलता है कि राहुल गांधी के नेतृत्व को इंडिया गठबंधन भी गंभीरता से नहीं ले रहा है। वे एक-दूसरे को राजनीतिक रूप से कमजोर करने में व्यस्त हैं और किसी भी सकारात्मक काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि सपा कांग्रेस से लड़ती है और कांग्रेस सपा से लड़ती है, टीएमसी कांग्रेस से लड़ती है और कांग्रेस टीएमसी से लड़ती है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बार-बार कही गई बातों को पुष्ट करता है कि यह गठबंधन अहंकार से प्रेरित है और इसके सदस्यों में लगातार मतभेद रहते हैं। चुनाव के बाद यह गठबंधन टूट जाएगा।
भंडारी ने राहुल गांधी के नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि 80 से ज्यादा बार प्रचार किए जाने के बावजूद न तो जनता और न ही इंडिया गठबंधन के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को गंभीरता से लेते हैं। यह राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है। यहां तक कि उनके अपने गठबंधन के सदस्य भी अब इस बारे में मुखर हो रहे हैं।
वहीं आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “वे जानते हैं कि इंडिया गठबंधन के भीतर कई परिवार सत्ता के लिए लड़ाई कर रहे हैं और उनका लक्ष्य केवल सत्ता को हासिल करना है। चूंकि वे केंद्र में कोई पद पा नहीं सकते, इसलिए वे अब गठबंधन के भीतर नेतृत्व की भूमिका के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल छोड़कर नहीं जाएंगी, लेकिन वह वहां से इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं। उनकी यह टिप्पणी टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद की ओर से ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का प्रमुख बनाए जाने के बयान के बाद आई है।