बेरूत, 30 मार्च (आईएएनएस)। लेबनानी सेना के कमांडर जनरल रोडोल्फ हेकल ने कहा कि सेना शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान से इजरायल में हुए रॉकेट हमले की जांच कर रही है। मीडिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हेकल ने शनिवार को दक्षिण लिटानी सेक्टर कमांड और सीमा पर सैन्य ठिकानों के निरीक्षण के दौरान हमलों की जांच को लेकर यह बयान दिया।
उन्होंने चेतावनी दी कि लेबनानी क्षेत्र से रॉकेट हमले ‘दुश्मन’ की मदद करते हैं और उन्होंने सेना की भूमिका की पुष्टि की कि वह राजनीतिक या सांप्रदायिक संबद्धताओं से परे लेबनान और इसके लोगों की रक्षा करेगी।
हेकल ने कहा, “सेना दक्षिण में अपने मिशनों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। इस तथ्य को लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल और युद्धविराम की निगरानी करने वाली पांच सदस्यीय समिति ने भी मान्यता दी है।”
उन्होंने कहा कि लेबनान राष्ट्रपति जोसेफ औन के निर्देशों और सरकार की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र संकल्प 1701 और युद्धविराम समझौते को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हेकल ने इजरायल पर दक्षिण में सेना की पूर्ण तैनाती में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कब्जे वाले लेबनानी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और लेबनान की संप्रभुता के बार-बार उल्लंघन का हवाला दिया।
बता दें कि इजरायली युद्धक विमानों ने शुक्रवार को उत्तरी इजरायल में रॉकेट दागे जाने के बाद दक्षिणी लेबनान और बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहिह में एक इमारत को निशाना बनाया था। आधिकारिक लेबनानी सूत्रों ने कहा कि इजरायली हमलों में छह लोग मारे गए और 21 घायल हो गए।
हिजबुल्लाह के गढ़ और घनी आबादी वाले क्षेत्र दहिह पर पिछले साल नवंबर के बाद इजरायल का इस क्षेत्र में पहला हमला था और यह दोनों पक्षों के बीच तनाव में तेज वृद्धि का संकेत देता है, भले ही एक नाजुक युद्धविराम हो।
27 नवंबर, 2024 से हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता में एक युद्धविराम लागू है, जिससे गाजा संघर्ष से जुड़ी सीमा पार शत्रुता एक साल से अधिक समय से रुकी हुई है।
हालांकि, समझौते के बावजूद इजरायल ने हिजबुल्लाह से सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए लेबनान में लक्ष्यों पर हमला करना जारी रखा है।
इजरायली सेना भी पांच सीमा चौकियों पर बनी हुई है और 18 फरवरी की पूरी तरह से वापसी की समय सीमा को पूरा नहीं कर सकी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संघर्ष विराम शुरू होने के बाद से इजरायल के उल्लंघन के परिणामस्वरूप लेबनान में कम से कम 117 लोग मारे गए हैं।