नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट ने इस वर्ष के पहले छह महीनों में बिक्री में सालाना आधार पर 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसमें टॉप सात शहरों में लगभग 7,000 यूनिट बिकीं। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
भारत की लीडिंग रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड और शीर्ष व्यावसायिक चैंबर एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-जून की अवधि के दौरान, दिल्ली-एनसीआर 4,000 लग्जरी यूनिट के साथ बिक्री में सबसे आगे रहा, जिसकी हिस्सेदारी 57 प्रतिशत थी, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में तीन गुना वृद्धि दर्ज करता है।
मुंबई में 1,240 लग्जरी यूनिट की बिक्री हुई, जो 2025 की पहली छमाही के दौरान कुल लग्जरी बिक्री का 18 प्रतिशत है और इस अवधि के दौरान 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
इसके अलावा, पारंपरिक रूप से मध्यम-स्तरीय प्रभुत्व वाले चेन्नई और पुणे जैसे बाजारों ने 2025 की पहली छमाही के दौरान कुल लक्जरी बिक्री का 5 प्रतिशत संचयी रूप से दर्ज किया।
इस वर्ष जनवरी-जून की अवधि में 7,300 लक्जरी यूनिट्स का शुभारंभ भी हुआ, जो 30 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज करता है।
सीबीआरई इंडिया के कैपिटल मार्केट एंड लैंड मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव कुमार ने कहा, “भारत का आवासीय बाजार रणनीतिक मजबूती के दौर में प्रवेश कर चुका है। मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं, लेकिन लक्जरी और प्रीमियम आवासों की वृद्धि उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास और जीवनशैली संबंधी आकांक्षाओं का संकेत देती है।”
डेवलपरों का ध्यान गुणवत्ता, पारदर्शिता और अनुभव पर केंद्रित हो गया है, जो इस क्षेत्र में विकास की अगली लहर को गति देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कुमार ने कहा, “मांग और आपूर्ति दोनों में लक्जरी आवासों में वृद्धि, घर खरीदारों की प्राथमिकताओं में संरचनात्मक बदलाव को दर्शाती है और वैश्विक और घरेलू निवेशकों के लिए एक उच्च-संभावित बाजार के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करती है।”
भारत का लग्जरी हाउसिंग मार्केट, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अपनी संपत्तियों की सुरक्षा और मजबूत होते अमेरिकी डॉलर से लाभ उठाने की जरूरत के चलते, एचएनडब्ल्यूआई, यूएचएनडब्ल्यूआई और एनआरआई को तेजी से आकर्षित कर रहा है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि टॉप सात शहरों में कुल आवास बिक्री 2025 तक मजबूत बनी रहेगी, जहां 1,32,000 यूनिट बिकीं और 1,38,000 नई यूनिट लॉन्च हुईं, जो एक संतुलित बाजार का संकेत है।
एसोचैम के महासचिव मनीष सिंघल ने कहा, “यह रिपोर्ट भारत के आवास परिदृश्य में हितधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप है। नीतिगत बदलाव के साथ आवास क्षेत्र में तेजी ऐसे सुधारों की जरूरत पर जोर देते हैं, जो मंजूरियों को आसान बनाएं, शहरी भारत में किफायती आवास को नए सिरे से परिभाषित करें और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करें।”