किसानों के हितों के लिए काम करेगी इंडिया गठबंधन सरकार : एमवीए

0
31

मुंबई, 14 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस, राकांपा (सपा), शिवसेना (यूबीटी) और वाम दलों सहित महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने पर इंडिया ब्लॉक की सरकार किसानों के हितों के लिए काम करेगी।

एकजुटता दिखाने के लिए, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और राकांपा (सपा) प्रमुख, शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) सांसद, संजय राउत ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान नासिक जिले के प्याज उत्पादक क्षेंत्र चंदवाड में किसानों की रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मंच शेयर किया।

तीनों नेताओं, शरद पवार, राहुल गांधी और संजय राउत ने अपने भाषणों में केंद्र सरकार पर किसानों के हितों की उपेक्षा करने और कुछ अरबपतियों व उद्योगपतियों के हितों की रक्षा के लिए काम करने का आरोप लगाया।

उन्होंने किसानों से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को हराने का आग्रह किया।

उन्होंने वादा किया कि इंडिया गठबंधन की सरकार किसानों की जरूरतों का ख्याल रखेगी।

राकांपा (सपा) प्रमुख पवार ने यूपीए सरकार द्वारा किसानों के 70 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ करने के फैसले की याद दिलाई और दावा किया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के पास किसानों की समस्याओं के समाधान की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे किसानों व मजदूरों के हिताें की उपेक्षा करने और बढ़ती बेरोजगारी व महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों का समाधान करनेे में विफल वर्तमान केद्र सरकार को सत्ता से हटाएं।

सांसद संजय राउत ने दावा किया कि केंद्र की गलत नीतियों के कारण लगभग 25 लाख प्याज उत्पादकों 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार तानाशाही तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों को केंद्र की नीतियों के कारण नुकसान हो रहा है, वहीं गुजरात के व्यापारी राज्य के किसानों से औने-पौने दाम पर प्याज खरीदकर पैसा कमा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का गुजरात पैटर्न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अपने भाषण में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों को एमएस स्वामीनाथन फॉर्मूले के कार्यान्वयन के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने का आश्वासन दिया। गांधी ने फसल बीमा योजना का पुनर्गठन; किसानों से वसूले गए जीएसटी को वापस लेने और कर्ज माफ करने की बात भी कही।