‘मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ, कृषि कानून 2020 में लागू हुए’, रोहन जेटली ने राहुल गांधी के ‘धमकी’ दावे को ठहराया गलत

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नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के अब निरस्त हो चुके विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर शनिवार को राजनीतिक बहस एक बार फिर गर्म हो गई, जब दिवंगत अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इस दावे पर उनकी आलोचना की कि भाजपा के दिग्गज नेता ने उन्हें ‘धमकी’ दी थी।

रोहन जेटली ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि इस मामले में दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली, राहुल गांधी जिस विषय पर बात कर रहे हैं, वह मेरे पिता के निधन के बाद का है। दूसरी, धमकाने की बात मेरे पिता के स्वभाव में नहीं थी। वह विपक्ष का भी सम्मान करते थे। उनका निधन अगस्त 2019 में हुआ था, और उनके बारे में ऐसा आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।

उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले मनोहर पर्रिकर के बारे में भी राहुल गांधी ने इसी तरह की टिप्पणी की थी। वे एक संवैधानिक पद पर हैं। उन्हें चाहिए कि वे सोच-समझकर बोलें। वे बार-बार झूठ बोलते हैं। इस बयान के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

इससे पहले, एक एक्स पोस्ट में रोहन जेटली ने कहा, “राहुल गांधी का दावा है कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था। मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था। कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे।”

उन्होंने आगे कहा, “इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता के स्वभाव में किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था। वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे, जो हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास करते थे। अगर कभी ऐसी कोई स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते थे। वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है।”

रोहन जेटली ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से उन लोगों के बारे में बोलते समय सावधानी बरतने का भी आग्रह किया जो अब जीवित नहीं हैं।

उन्होंने आगे कहा, “मैं राहुल गांधी से निवेदन करूंगा कि जो अब हमारे बीच नहीं हैं, उनके बारे में बोलते समय संयम बरतें। उन्होंने पहले मनोहर पर्रिकर जी के अंतिम दिनों को लेकर भी इसी तरह की राजनीति करने की कोशिश की थी, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील था।”

वहीं, भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी के दावे पर टिप्पणी की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “राहुल गांधी का दावा है कि अरुण जेटली ने 2020 के कृषि कानूनों के प्रति उनके विरोध को कमजोर करने के लिए उनसे संपर्क किया था। सच तो यह है कि अरुण जेटली का 24 अगस्त, 2019 को निधन हो गया था। कृषि विधेयकों का मसौदा 3 जून, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष लाया गया था। ये कानून सितंबर 2020 में लागू किए गए थे।”

उन्होंने कहा, “कोई भी चर्चा, चाहे समर्थन में हो या विरोध में, इन घटनाक्रमों के बाद शुरू हुई। यह कहना कि अरुण जेटली जी ने उनसे किसी भी चीज के लिए संपर्क किया था, तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। आइए तथ्यों पर टिके रहें और कथानक के अनुरूप समय-सीमा को न बदलें।”

बता दें कि राहुल गांधी ने नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस पार्टी के वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव में दावा किया, “मुझे याद है कि जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली जी को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था।

राहुल गांधी ने अपने बयान में आगे कहा कि उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम सरकार का विरोध करते रहोगे और कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते रहोगे, तो हमें तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।