पंजाब पानी के अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है: राघव चड्ढा

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को राज्यसभा में पंजाब की गंभीर जल संकट स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब, जिसने देश को भूख से बचाया और हरित क्रांति की अगुवाई की, आज पानी की गुणवत्ता और मात्रा दोनों के मामले में अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है।

चड्ढा ने गुरु नानक देव जी का हवाला देते हुए कहा, “हवा गुरु है, पानी पिता है और धरती माता है। पंजाब, जिसे पांच नदियों की भूमि कहा जाता है, आज विषैले पानी और घटते भूजल स्तर के सबसे बड़े खतरे में है।”

वे केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा अनुच्छेद 252(1) के तहत मणिपुर राज्य में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 लागू करने के प्रस्ताव पर चर्चा में बोल रहे थे।

चड्ढा ने पंजाब में जल संकट के तीन गंभीर पहलुओं की ओर सदन का ध्यान खींचा। सांसद के अनुसार, भारत सरकार की 2025 ग्राउंडवॉटर क्वालिटी रिपोर्ट में पाया गया है कि पंजाब में यूरेनियम प्रदूषण सबसे अधिक है।

उन्होंने कहा, “पोस्ट मॉनसून नमूनों में 62.5% भूजल सुरक्षित स्तर से ऊपर पाया गया। यूरेनियम के साथ-साथ आर्सेनिक, लेड, कैडमियम और क्रोमियम भी डब्ल्यूएचओ मानकों से अधिक हैं, खासकर मालवा क्षेत्र बठिंडा, मानसा, फरीदकोट, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का में।”

उन्होंने यह भी कहा कि बठिंडा से बीकानेर जाने वाली ट्रेन संख्या 14703 को ‘कैंसर ट्रेन’ कहा जाने लगा है, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में कैंसर मरीज इलाज के लिए सफर करते हैं।

चड्ढा ने बताया कि 1 किलोग्राम धान उगाने के लिए 5,000 लीटर पानी लगता है। पंजाब के 117 में से 113 ब्लॉक पूरी तरह ओवर-एक्सप्लॉइटेड हैं। 1970 में जल स्तर 20 फीट था, आज 500 फीट तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि नासा के ग्रेस सैटेलाइट के अनुसार पंजाब दुनिया में सबसे तेज़ी से भूजल खोने वाला क्षेत्र है।

उन्होंने बताया कि सतलुज, ब्यास और घग्गर नदियां औद्योगिक कचरे, रसायनों, दवाइयों के अपशिष्ट और बिना उपचार के सीवेज की वजह से ज़हरीली हो चुकी हैं। सीबीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पंजाब की 76% नदी धाराएं देश की सबसे प्रदूषित श्रेणियों में शामिल हैं।

चड्ढा ने कहा, “जब देश को भोजन की जरूरत थी, पंजाब ने राष्ट्र को अनाज दिया। आज जब पंजाब संकट में है, तो यह मदद नहीं मांग रहा, न्याय की मांग कर रहा है। 50 वर्षों तक अगर पंजाब देश की खाद्य सुरक्षा की रीढ़ रहा है, तो आज देश को पंजाब का साथ देना चाहिए।”