हिमाचल के बद्दी में जली फैक्ट्री के नौ कर्मचारी अभी भी लापता

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शिमला, 3 फरवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक केंद्र बद्दी में शुक्रवार को भीषण आग लगने के बाद एक इत्र निर्माण फैक्ट्री के नौ कर्मचारी लापता हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एन.आर. एरोमा फैक्ट्री में शुक्रवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे आग लग गई थी। झाड़ माजरी स्थित फैक्ट्री में आग बुझाने का काम अभी भी जारी है।

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, आग में 30 कर्मचारी घायल हो गए और उनमें से एक की मौत हो गई। कुल 85 कर्मचारी फंसे थे।

फैक्ट्री के मालिक चन्द्र शेखर को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार ने इस आपदा की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।

पुलिस ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आग पर काबू पाने के लिए हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और स्थानीय उद्योगों से लगभग 12 दमकल गाड़ियों को लगाया गया।

बरोटीवाला थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से चोट पहुंचाना) और 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

घटनास्थल का दौरा करने वाले पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक खजाना राम और थाना प्रभारी संजय शर्मा शामिल होंगे।

पुलिस ने कहा था, “पुलिस फिलहाल आग लगने के बाद लापता बताए गए नौ लोगों की तत्काल तलाश कर रही है। अब तक की जांच के अनुसार, आग लगने के समय फैक्ट्री में 85 लोग थे और 30 को घायल अवस्था में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। एक महिला को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाकी सुरक्षित बताए गए हैं।”

पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) वर्तमान में साइट की संरचनात्मक सुरक्षा का आकलन कर रहा है और इसे कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों से मुक्त करने के लिए काम कर रहा है।

मंजूरी के बाद, एचपी फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की एक टीम घटनास्थल का निरीक्षण करेगी और आवश्यक साक्ष्य एकत्र करेगी।

आग की जटिल प्रकृति को देखते हुए, डीजीपी ने राज्य सरकार से केंद्र की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान टीम से सहायता का अनुरोध किया है।